जम्मू-कश्मीर के स्थायी नागरिकों के विशेष अधिकारों की हिफाजत करने वाले संविधान के अनुच्छेद 35ए पर आज सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ सुनवाई करेगा।
सुप्रीम कोर्ट में इस अनुच्छेद को रद्द करने की मांग को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिन पर आज सुनवाई होगी।
वहीं सुनवाई से ठीक पहले जम्मू-कश्मीर के अलगाववादियों नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में नहीं आया तो राज्य में 'फलस्तीन' जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी।
अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासिन मलिक ने साझा बयान जारी कर कहा, 'यदि सुप्रीम कोर्ट राज्य के लोगों के हितों और आकांक्षा के खिलाफ कोई फैसला देता है तो लोग आंदोलन शुरू करें।'
राज्य के अलगाववादी संगठन पहले से ही इस अनुच्छेद के साथ छेड़छाड़ किए जाने के प्रति आगाह करते रहे हैं। इतना ही नहीं राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी इस अनुच्छेद को बनाए रखने की वकालत करती रही है।
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आर्टिकल 35A जम्मू-कश्मीर के विधानसभा को राज्य स्थायी नागरिकों की परिभाषा तय करने और उन्हें विशेष अधिकार प्रदान करता है।
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इस आर्टिकल को चुनौती देने वाले एनजीओ ने कहा, 'हमने इस आर्टिकल को सुप्रीम कोर्ट में 2014 में चुनौती दी थी। हमने इस आधार पर इसे कोर्ट में चुनौती दी थी कि इसे किसी संशोधन के जरिए संविधान के अनुच्छेद 368 में नहीं जोड़ा गया था और नहीं इसे कभी संसद में पेश किया गया। यह बदलाव भी तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया।'
अलगाववादियों का कहना है कि इस आर्टिकल को रद्द करने की मांग को लेकर जम्मू-कश्मीर की डेमोग्राफी को बदलने की 'साजिश' रची जा रही है।
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HIGHLIGHTS
- सुप्रीम कोर्ट आज से आर्टिकल 35A को रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने जा रहा है
- कोर्ट का संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई करने जा रहा है
Source : News Nation Bureau