भारतीय वायुसेना (IAF) ने बोइंग से पिछले महीने 20 अपाचे (Apache) लड़ाकू हेलीकॉप्टरों में से अंतिम पांच को भी अंतत: प्राप्त कर लिया. वायुसेना को मार्च में आपूर्ति की उम्मीद थी, लेकिन कोविड (Covid-19) महामारी के कारण इसमें विलंब हुआ. मार्च में वायुसेना को पांच चिनूक हैवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर प्राप्त हुए थे. सितंबर 2015 में तीन अरब डॉलर के एक सौदे पर हस्ताक्षर हुआ था, जिसमें 22 बोइंग एएच-64ई अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर और 15 चिनूक हैवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर शामिल थे. चिनूक हेलीकॉप्टरों का सौदा 1.1 अरब डॉलर का था.
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मार्च में ही मिल जाने थे सभी
बोइंग ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि कंपनी ने सभी नए एएच-64ई अपाचे और सीएच-47एफ(आई) चिनूक हेलीकॉप्टर्स की आपूति आईएएफ को कर दी है. बोइंग डिफेंस इंडिया के प्रबंध निदेशक सुरेंद्र अहूजा ने कहा, 'सैन्य हेलीकॉप्टरों की इस आपूर्ति के साथ हम इस साझेदारी को लगातार जारी रखेंगे और भारत के रक्षा बलों की सामरिक जरूरतें पूरी करने के लिए सही मूल्य और क्षमताओं की आपूर्ति करने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने को पूर्ण प्रतिबद्ध हैं.'
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इस साल के शुरू में हुआ था सौदा
इस साल के प्रारंभ में भारत और अमेरिका ने भारतीय सेना के लिए छह अपाचे खरीदने के एक करार पर हस्ताक्षर किए थे. यह हस्ताक्षर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नई दिल्ली दौरे के दौरान हुआ था. हैदराबाद में स्थित बोइंग का संयुक्त उद्यम, टाटा बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड (टीबीएएल) अमेरिकी सेना और अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों के लिए एएच-64 अपाचे हेलीकॉप्टर के एयरो स्ट्रक्चर का निर्माण कर रहा है.
HIGHLIGHTS
- सितंबर 2015 में तीन अरब डॉलर के एक सौदे पर हस्ताक्षर हुआ था.
- भारतीय सेना के लिए छह अपाचे खरीदने के एक करार इसी साल हुआ था.
- अब वायु सेना की मारक क्षमता में हुआ और भी इजाफा.