बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोला है. अमित मालवीय ने राहुल गांधी के एक ट्वीट को कोट करते हुए उसका रिप्लाई किया है. इस ट्वीट में अमित मालवीय ने लिखा है कि 'साल 2004-14 के बीच, यूपीए ने सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश के माध्यम से 1,14,045 करोड़ रुपये जुटाए थे तो क्या तब डॉ मनमोहन सिंह क्रोनीजीवी नहीं थे. इसीलिए कहते हैं कि शिक्षा का कोई दूसरा विकल्प नहीं होता है.' आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के जवाब में अपना धन्यवाद भाषण दिया था जिसमें उन्होंने नए कृषि कानूनों का विरोध कर रही विपक्षी पार्टियों सहित कांग्रेस पर भी जमकर हमला बोला था.
राहुल गांधी ने सोमवार को पीएम मोदी के द्वारा राज्य सभा में इस्तेमाल किए गए दो नए शब्दों के जरिए आंदोलनों को हवा देने वाले नेताओं और एक्टिविस्टों पर जोरदार हमला बोला था. प्रधानमंत्री ने आंदोलनजीवियों से देश को सावधान रहने की जरूरत बताई थी. उन्होंने कहा था कि देश आंदोलनजीवी लोगों से बचे, ऐसे लोगों को पहचानने की बहुत आवश्यकता है. आंदोलनजीवी परजीवी होते हैं. अब प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पलटवार किया है. नरेंद्र मोदी के परजीवी वाले बयान पर राहुल गांधी ने अपनी भाषा में जवाब दिया है.
Between 2004-14, UPA raised 1,14,045 crore through disinvestment of PSUs. Calling Dr Manmohan Singh crony-जीवी is not done...
इसीलिए कहते हैं, there is no substitute to education! https://t.co/0SgQZf9BUD
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 10, 2021
राहुल गांधी ने पीएम पर कसा तंज लिखा क्रॉनी (Crony) जीवी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'क्रॉनी (Crony) जीवी है, जो देश बेच रहा है वो.' बता दें कि सोमवार को राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में दो नए शब्दों के जरिए आंदोलनों को हवा देने वाले नेताओं और एक्टिविस्ट पर निशाना साधा था. उन्होंने आंदोलनजीवियों से देश को सावधान रहने की जरूरत बताई. वहीं एफडीआई का नया अर्थ बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि फॉरेन डिस्ट्रक्टिव आइडियोलॉजी नामक नए एफडीआई से सावधान रहना होगा.
सोमवार को राज्य सभा में पीएम ने विपक्षी पार्टियों को बोला था 'आंदोलनजीवी'
आपको बता दें कि सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हम कुछ शब्दों से बहुत परिचित हैं, जैसे श्रमजीवी और बुद्धिजीवी. पिछले कुछ समय से इस देश में एक नई जमात पैदा हुई है, नई बिरादरी सामने आई है. यह जमात है आंदोलनजीवी. वकीलों का आंदोलन हो, मजदूरों का आंदोलन हो, छात्रों या कोई भी आंदोलन हो, ये पूरी टोली वहां नजर आती है. आंदोलन के बगैर जी नहीं सकते. हमें ऐसे लोगों को पहचानना होगा. ये बहुत आइडियोलॉजिकल स्टैंड दे देते हैं. देश आंदोलनजीवी लोगों से बचे, ऐसे लोगों को पहचानने की बहुत आवश्यकता है. आंदोलनजीवी परजीवी होते हैं.'
Source : News Nation Bureau