मानसून के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करने वाली बाढ़ से निपटने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को समीक्षा बैठक की है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की है. इस बैठक में शाह ने देश में बाढ़ प्रबंधन की समग्र तैयारियों की समीक्षा की है. गौरतलब है कि, हर साल मानसून की बारिश के कारण विभिन्न नदियों के जल स्तर में वृद्धि के कारण बिहार, असम और अन्य पूर्वी राज्यों के बड़े क्षेत्र जलमग्न हो जाते हैं. इसके अतिरिक्त उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और कुछ अन्य राज्य भी मानसून के दौरान भूस्खलन और बारिश से संबंधित अन्य समस्याओं का सामना करते हैं.
हाल के वर्षों में तमिलनाडु, केरल और जम्मू-कश्मीर में भी बाढ़ देखी गई है.
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, गृह, जल संसाधन, नदी विकास, पृथ्वी विज्ञान, पर्यावरण, सड़क परिवहन मंत्रालयों और विभागों के सचिव, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, एनडीएमए के अधिकारियों सहित अन्य लोगों ने शाह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में भाग लिया.
1 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ की चपेट में...
मालूम हो कि, वर्तमान में, असम के कई जिले बाढ़ का सामना कर रहे हैं और 10 जिलों के 1.17 लाख से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में हैं.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि, बाढ़ के पानी ने इन जिलों के 27 राजस्व क्षेत्रों के 968 गांवों में पानी भर दिया है. उन्होंने कहा कि, अधिकारी वर्तमान में 134 राहत शिविर और 94 राहत वितरण केंद्र चला रहे हैं, जहां कुल 17,661 लोग शरण ले रहे हैं.
अधिकारियों की मानें तो, इस साल राज्य में बाढ़, भूस्खलन और तूफान से मरने वालों की संख्या 37 तक पहुंच गई है, जबकि एक व्यक्ति लापता है.
Source : News Nation Bureau