कोयला संकट और बिजली कटौती पर अमित शाह मंत्रियों से मिले

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी, बिजली और कोयला मंत्रालय के अधिकारियों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की. बैठक में वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ-साथ राज्य द्वारा संचालित ऊर्जा समूह एनटीपीसी लिमिटेड के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. 

author-image
Vijay Shankar
एडिट
New Update
amit shah

Amit shah( Photo Credit : File Photo)

Advertisment

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी, बिजली और कोयला मंत्रालय के अधिकारियों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की. बैठक में वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ-साथ राज्य द्वारा संचालित ऊर्जा समूह एनटीपीसी लिमिटेड के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. माना जाता है कि घंटे भर चली बैठक के दौरान तीनों मंत्रियों ने बिजली संयंत्रों को कोयले की उपलब्धता और वर्तमान बिजली मांगों पर चर्चा की. कई राज्यों ने ब्लैकआउट होने की चेतावनी दी है, भले ही केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि भारत के पास अपने बिजली संयंत्रों की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोयला भंडार है, लेकिन नई दिल्ली और अन्य शहरों में ब्लैकआउट की आशंकाओं को दूर करने की लगातार मांग की जा रही है.

यह भी पढ़ें : Coal Crisis: 24 दिनों के लिए है कोयले का स्टॉक, ज़बरदस्ती फैलायी जा रही है दहशत

कोयला मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि कोयले से चलने वाले संयंत्रों में मौजूदा ईंधन स्टॉक लगभग 7.2 मिलियन टन है, जो चार दिनों के लिए पर्याप्त है. सरकारी स्वामित्व वाली खनन कंपनी कोल इंडिया के पास भी 40 मिलियन टन से अधिक का स्टॉक है जिसकी आपूर्ति बिजली स्टेशनों को की जा रही है. मंत्रालय ने कहा, "बिजली आपूर्ति में व्यवधान का किसी तरह की आशंका पूरी तरह से गलत है. यह स्पष्टीकरण दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा मेगासिटी में बिजली संकट की चेतावनी देने के एक दिन बाद आया है. हाल के महीनों में भारत भर में कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की कमी का सामना करना पड़ा है. सितंबर के अंत में भारत के कोयले से चलने वाले बिजली स्टेशनों के पास औसतन चार दिनों का स्टॉक था, जो इस साल सबसे कम था. चीन में व्यापक बिजली कटौती के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े कोयला खपत वाले देश भारत में इस समय कमी देखी जा रही है. चीन में कोयल की कमी की वजह से कई कारखाने बंद कर दिए हैं जिससे उत्पादन और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को प्रभावित किया है.

भारत के बिजली उत्पादन में लगभग 70 प्रतिशत कोयले का योगदान है और लगभग तीन-चौथाई जीवाश्म ईंधन का घरेलू स्तर पर खनन किया जाता है. एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में एक कोरोनो वायरस लहर के बाद मानसून के बाद आई बारिश से कोयला खदानों में बाढ़ आ गई जिससे परिवहन नेटवर्क प्रभावित हुआ है. इसके बाद कोयला खरीदारों के लिए कीमतों में तेज वृद्धि हुई है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय कोयले की कीमतें भी बढ़ गई हैं. 

HIGHLIGHTS

  • केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी बैठक में मौजूद
  • कोयले की कमी की वजह से कई राज्यों ने ब्लैकआउट की चेतावनी दी है
  • कोयला मंत्रालय ने कहा, ईंधन स्टॉक लगभग 7.2 मिलियन टन है 

 

 

amit shah ntpc अमित शाह Coal Crisis बैठक कोयला संकट convene meeting एनटीपीसी
Advertisment
Advertisment
Advertisment