पिछले हफ्ते अमित शाह (Amit Shah) के गृह मंत्रालय (Home Ministry) का कार्यभार संभालने के बाद नॉर्थ ब्लॉक में राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गई है. नॉर्थ ब्लॉक में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों की आवाजाही बढ़ गई है. बता दें कि पिछली सरकारों में प्रधानमंत्री कार्यालय के बाद वित्त मंत्रालय ही सबसे अहम मंत्रालय माना जाता था. नरेंद्र मोदी के पिछले कार्यकाल में भी वित्त मंत्रालय सत्ता का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र था.
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मौजूदा सरकार में गृह मंत्रालय ज्यादा मजबूत
मौजूदा सरकार में वित्त मंत्रालय के मुकाबले गृह मंत्रालय सबसे ज्यादा सक्रिय दिख रहा है. मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय में कई बैठक हुई. बैठक में भाग लेने वालों में विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य और रेल मंत्री पीयूष गोयल और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान रहे हैं. हालांकि मिलने आए ज्यादातर मंत्रियों ने बैठक में किन मुद्दों पर बातचीत हुई इसका खुलासा नहीं किया है. मीटिंग के बाद पीयूष गोयल ने कहा कि वे गृह मंत्री के साथ चाय पीने आए थे. जानकारी के मुताबिक गृह मंत्री के साथ हुई बैठकों में नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे.
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एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार की ही तरह मौजूदा सरकार में भी अंतर-मंत्रालय बैठक हो रही है. जानकारों का कहना है कि अमित शाह का इस तरह से मीटिंग करना उनका केंद्र सरकार में मुख्य भूमिका में होने का इशारा है. तमाम तरह के अटकलों के बीच नरेंद्र मोदी ने मौजूदा सरकार में अमित शाह को देश का गृह मंत्री बनाया है.
HIGHLIGHTS
- अमित शाह के गृह मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद नॉर्थ ब्लॉक में राजनीतिक गहमागहमी बढ़ी
- पिछली सरकारों में प्रधानमंत्री कार्यालय के बाद वित्त मंत्रालय ही सबसे अहम मंत्रालय माना जाता था
- मौजूदा सरकार में वित्त मंत्रालय के मुकाबले गृह मंत्रालय सबसे ज्यादा सक्रिय दिख रहा है