केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से बात की और उन्हें किन्नौर में भूस्खलन के कारण हुए दर्दनाक बस हादसे के बाद हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
उन्होंने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक से भी बात की और राहत और बचाव कार्यों में मदद करने को कहा।
उन्होंने ट्विटर पर कहा, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और डीजी आईटीबीपी से बात की है। आईटीबीपी की टीमें पूरी तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। जान बचाने और चोटिल लोगों का त्वरित उपचार प्रदान करना आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन की प्राथमिकता है।
यहां आईटीबीपी के अधिकारियों के मुताबिक, फोर्स की टीमों ने अब तक 4 लोगों को भूस्खलन से बचाया है। किन्नौर जिले के निगुलसारी के पास रिकांग पियो-शिमला हाईवे पर भूस्खलन स्थल के पास 43वीं बटालियन, 17वीं बटालियन और 19वीं बटालियन के जवानों को तैनात किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि पहुंच मार्ग के दोनों ओर लगातार गिर रहे पत्थरों और मलबे ने बचाव दलों की आवाजाही रोक दी है, लेकिन उन्हें बचाने के प्रयास जारी हैं।
आईटीबीपी ने एक ट्वीट में कहा, हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में रिकांग पियो-शिमला राजमार्ग पर आज लगभग 12.45 बजे भूस्खलन की सूचना मिली। एक ट्रक और एक एचआरटीसी बस कथित तौर पर मलबे के नीचे आ गई। कई लोगों के फंसे होने की सूचना है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) टीमें बचाव कार्य में जुटीं हैं।
हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बस समेत कई वाहन मलबे में दब गए हैं, जिसमें 40 से अधिक यात्री सवार थे। बस किन्नौर के रिकांग पियो से शिमला जा रही थी।
25 जुलाई को किन्नौर जिले के बसतेरी के पास वाहनों पर भारी पत्थर गिरने से नौ पर्यटकों की मौत हो गई थी। सांगला-चितकुल मार्ग पर लगातार बारिश के कारण कई भूस्खलन हुए, जिसके परिणामस्वरूप एक पुल ढह गया और कुछ वाहनों को भी नुकसान पहुंचा था।
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Source : IANS