केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने नाथूराम गोडसे के संबंध में बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर की टिप्पणियों की कड़ी निंदा की है. अमित शाह ने शाह ने अक समारोह में एक टिप्पणी का उत्तर देते हुए कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहले ही प्रज्ञा के बयान की निंदा कर चुके हैं और पार्टी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है. उन्होंने कहा, ‘न तो सरकार और न ही बीजेपी, इस प्रकार के बयानों का समर्थन करती है. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं.’
टिप्पणी में कहा गया था कि देश में डर का माहौल है और लोग सरकार की आलोचना करने से डरते हैं. उल्लेखनीय है कि प्रज्ञा ने बुधवार को लोकसभा में एसपीजी संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान उस वक्त विवादित टिप्पणी की थी जब द्रमुक सदस्य ए राजा महात्मा गांधी की हत्या को लेकर गोडसे के अदालत में दिए बयान के बारे में बोल रहे थे. प्रज्ञा की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं किया गया था. गृह मंत्री ने इन आरोपों का खंडन किया कि देश में डर का माहौल है. शाह ने कहा कि सरकार पारदर्शी तरीके से काम कर रही है. उन्होंने कश्मीर की स्थिति पर बात करते हुए उद्योगपतियों से अपील की कि वे अपने परिवार के साथ घाटी जाएं और वहां की वास्तविक स्थिति का जायजा लें.
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साध्वी प्रज्ञा ने मांगी थी संसद में माफी
बता दें, इससे पहले गोडसे को लेकर बयानबाजी पर विवादों में फंसी बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने संसद में माफी मांग ली थी. उन्होंने कहा था कि सदन में किसी भी टिप्पणी से जिस किसी को भी ठेस पहुंची हो उसके लिए क्षमा चाहती हूं. लेकिन संसद में मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, मेरे बयान पर राजनीति हुई है जो निंदनीय है. साध्वी प्रज्ञा ने ये भी कहा, 'गांधी जी की देश के प्रति सेवा का मैं सम्मान करती हूं. इसी सदन के एक माननीय सदस्य ने मुझे आतंकी कहा था, तत्कालीन सरकार के षड्यंत्र के बावजूद मुझपर कोई आरोप सिद्ध नही हुआ है. ये एक महिला का अपमान है उसे आतंकी कहना जो इसी सदन में मेरे ख़िलाफ़ कहा गया है.
दरअसल गोडसे पर बीजेपी सांसद के बयान के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर हमला करते हुए कहा था कि आतंकी प्रज्ञा ने आतंकी गोडसे को बताया देशभक्त. यह भारतीय संसद के इतिहास का सबसे दुखद दिन है.
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बता दें कि साध्वी प्रज्ञा ने बुधवार को लोकसभा में चर्चा के दौरान नाथुराम गोडसे को देशभक्त बताया था, जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ. बाद में लोकसभा की कार्यवाही से भी उनके बयान को हटा दिया गया था. वहीं दूसरी तरफ विपक्ष भी साध्वी प्रज्ञा के इस बयान को लेकर बीजेपी पर हमलावर बनी हुई थी.
गौरतलब हैं कि इससे पहले लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भी उन्होंने नाथूराम गोडसे को लेकर कहा था कि नाथूराम गोडसे ने गांधी जी की हत्या नहीं की थी बल्कि वह देशभक्त थे. उस समय भी उनके इस बयान को लेकर विवाद छिड़ा था. पीएम मोदी ने उस वक्त कहा था कि वह कभी भी साध्वी को दिल से माफी नहीं दे पाएंगे.
(भाषा से इनपुट)