केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व में अगला कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीतने का बयान पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को पसंद नहीं आया।
पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार, जिन्होंने बोम्मई के मंत्रिमंडल में शामिल होने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि अपने कनिष्ठ के अधीन काम करने में उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंचाता है, शनिवार को बी.एस. येदियुरप्पा से मिले, जिन्होंने हाल ही में बोम्मई के लिए रास्ता बनाने खातिर सीएम पद से इस्तीफा दिया था।
दोनों नेताओं ने करीब 30 मिनट तक कर्नाटक भाजपा के घटनाक्रम पर चर्चा की। सूत्रों ने कहा कि दोनों अमित शाह के उस बयान से नाखुश हैं, जिसमें बोम्मई को पार्टी का भावी नेता बताया जा रहा है। उनके करीबी लोगों ने कहा कि इस तरह की घोषणा करने की कोई जल्दबाजी नहीं है, क्योंकि विधानसभा चुनाव होने में अभी काफी देर है।
ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने शिवमोग्गा में अमित शाह के बयान का खंडन करते हुए कहा कि वह राज्य में सामूहिक नेतृत्व के लिए हैं।
उन्होंने कहा, अमित शाह ने कहा है कि बीजेपी अगले चुनाव में बोम्मई के नेतृत्व में सत्ता में आएगी। मुझे नहीं पता कि अमित शाह ने किन परिस्थितियों में यह बयान जारी किया। पार्टी सामूहिक नेतृत्व के लिए है, जिसमें बोम्मई भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
भारतीय जनता पार्टी के येदियुरप्पा खेमे से विधायक एम.पी. रेणुकाचार्य ने कहा कि लोगों को अमित शाह के बयान को गलत नहीं समझना चाहिए। उनकी टिप्पणी का मतलब यह नहीं है कि येदियुरप्पा और शेट्टार को पार्टी में दरकिनार कर दिया गया है। येदियुरप्पा जैसे नेता को दरकिनार करना संभव नहीं है। उनके मार्गदर्शन में ही चुनाव लड़ा जाएगा।
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Source : IANS