गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पेश कर दिया है. बिल पेश करने के साथ ही सदन में हंगामा भी शुरू हो गया है. एक तरफ कांग्रेस की ओर से अधीर रंजन चौधरी इस पर सवाल उठा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ अमित शाह लगातार जवाब दे रहे हैं. इस बीच अमित शाह ने साफ-साफ कह दिया कि जब भी हम जम्मू-कश्मीर की बात करते हैं तो उसमें PoK और अक्साई चीन भी अपने आप आ जाता है. इसलिए जम्मू-कश्मीर पर कानून बनाने या कोई भी फैसला लेने से हमें कोई भी नहीं रोक सकता. जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. इसी के साथ उन्होंने कांग्रेस सासंद अधीर रंजन चौधरी से भी पूछा कि क्या वो PoK को भारत का हिस्सा नहीं मानते.
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Home Minister Amit Shah in Lok Sabha: Parliament has the right to make laws on Jammu & Kashmir. https://t.co/SQmM5ZJqGs
— ANI (@ANI) August 6, 2019
इसी के साथ अमित शाह ने PoK के लिए जान भी देने की बात की है.
Union Home Minister Amit Shah in Lok Sabha: Jammu & Kashmir is an integral part of Union of India. Kashmir ki seema mein PoK bhi aata hai...Jaan de denge iske liye! https://t.co/7zyF4I0eQn
— ANI (@ANI) August 6, 2019
दरअसल इससे पहले कांग्रेस की तरफ से अधीर रंजन चौधरी ने जम्मू कश्मीर पर केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा था कि कश्मीर अंदरूनी मामला कैसे हो सकता है जबकि ये मामला अभी तक संयुक्त राष्ट्र में पेंडिंग है. इस बयान पर अमित शाह ने अधीर रंजन चौधरी को घेरते हुए उनसे अपने बयान को दोहराने के लिए कहा.
इसके साथ ही कांग्रेस ने ये पूछा था कि क्या जम्मू कश्मीर की बात में PoK भी शामिल हैं तो इस पर अमित शाह ने जवाब दिया कि वो जब-जब जम्मू-कश्मीर की बात करते हैं, तो उसमें PoK अपने आप शामिल हो जाता है. इसी के साथ अमित शाह ने कांग्रेस से सवाल किया कि क्या वो पीओके को भारत का हिस्सा नहीं मानती.?
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अमित शाह ने आगे कहा, इस सदन ने बहुत ऐतिहासिक क्षण देखे हैं. मैं आज बहुत गर्व के साथ कहना चाहता हूं कि जम्मू कश्मीर को लेकर प्रस्ताव और बिल भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगा. सदियों तक जम्मू और कश्मीर के कल्याण के लिए यह बड़ा मौका है.
उन्होंने कहा, लद्दाख के लोगों की ओर से मांग की जा रही थी कि उन्हें सत्ता में भागीदारी मिले, इसलिए हम दो केंद्र शासित प्रदेश का कॉन्सेप्ट लेकर आए हैं. जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और उस पर फैसला लेने का अधिकार भारतीय संसद को है. मैं आप सभी के सवालों का उत्तर दूंगा.