गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को सारे राज्यों के डीजीपी और अर्धसैनिक बलों के डीजी के साथ लंबी बैठक की. इस मीटिंग में सुरक्षा का मुद्दा छाया रहा. दोपहर दो बजे शुरू हुई ये मीटिंग रात 10 बजे के बाद खत्म हुई. इस बैठक में सुरक्षा की नई चुनौतियों के बारे में विस्तृत तरीके से चर्चा की गई और सिलसिलेवार तरीके से अलग-अलग राज्यों के बारे में केंद्र और संबंधित राज्यों ने मिलकर विचार विमर्श किया गया. कश्मीर के मद्देनजर यह मीटिंग अहम मानी जा रही है. दरअसल, पिछले दिनों कश्मीर में हत्या की कई घटनाएं हुई हैं.
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गुरुवार को घाटी में आतंकियों ने दो शिक्षकों की हत्या कर दी थी. इससे पहले भी पांच दिनों में आतंकी पांच लोगों की हत्याएं कर चुके हैं. कुल मिलाकर अब तक आतंकी नौ लोगों की हत्या कर चुके हैं. इसमें ज्यादातर हत्याएं तो शहर में हुई हैं. इन हत्याओं के बाद घाटी की स्थिति चिंताजनक हो चुकी है. इसमें विशेषतः हिंदुओं और गैर मुस्लिमों को आतंकियों ने निशाना बनाया है. यही बात मीटिंग में प्रमुख रूप से छाई रही.
बता दें कि नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटिजी कांफ्रेंस एक सामान्य आयोजन है. यह हर साल किया जाता है लेकिन इस बार कश्मीर के हालातों को देखते हुए इसका महत्व बढ़ गया है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक ने भी कश्मीर के हालातों को लेकर चिंता जताई है.
HIGHLIGHTS
- मीटिंग में राष्ट्रीय सुरक्षा से जु़ड़े अन्य मुद्दे भी महत्वपूर्ण रहे
- सभी राज्यों के डीजीपी ने अपने-अपने विचार रखे
- हर साल किया जाता है इस मीटिंग का आयोजन