पाकिस्तान में भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को फांसी दिए जाने के खिलाफ वैश्विक मंच पर आवाज उठनी शुरू हो गई है। एमनेस्टी इंटरनैशनल ने पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट की तरफ से जाधव को फांसी की सजा दिए जाने के फैसले का विरोध किया है।
एमनेस्टी इंटरनैशनल ने कहा, 'पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने संदिग्ध के खिलाफ किसी भी तरह की जानकारी और सबूतों को सार्वजनिक नहीं किया।'
पाकिस्तान ने कथित जासूसी के आरोप में भारतीय नागरिक और पूर्व नौसैनिक अधिकारी कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाई है। जाधव को 2013 में गिरफ्तार किया था।
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कथित जासूसी के आरोप में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा दिए जाने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के राजनायिक अब्दुल बासित को तलब किया है। कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
विदेश मंत्रालय ने कहा है, 'अगर जाधव को फांसी दी जाती है तो भारत इसे पूर्व निर्धारित हत्या मनेगा। साथ ही कहा कि पाकिस्तानी कोर्ट में जाधव के खिलाफ स्वांग रचा गया है।'
बासित को जारी समन में कहा गया है, 'पाकिस्तान में इंडियन हाईकमीशन को ये बताने की जरूरत भी नहीं समझी गई कि कुलभूषण पर केस चल रहा है।'
फांसी की सजा के बाद भारत ने फिर कहा है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया और पाकिस्तान ये बताने में नाकाम रहा कि वो पाकिस्तान कैसे पहुंचे? वहीं जाधव की फांसी को लेकर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा है कि यह सजा कानून के तहत दिया गया है। साथ ही उन्होंने जाधव को भारतीय जासूस करार दिया है।
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HIGHLIGHTS
- कुलभूषण जाधव की फांसी के विरोध में उतरा एमनेस्टी इंटरनैशनल
- कथित जासूसी के मामले मे पाकिस्तान सैन्य अदालत ने जाधव को दी फांसी की सजा
Source : News Nation Bureau