उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त संजय गोयल ने बताया कि निगम अपने अधिकार क्षेत्र में एकल-प्रयोग प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। निगम ने प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम, 2016 और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशानिदेशरें के अनुसार टिकरी कलां में प्रति दिन 50 टन (टीपीडी) प्लास्टिक कचरा प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने जा रही है।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम प्लास्टिक कचरे के पुनर्चक्रण/प्रसंस्करण, पृथक्करण, संग्रह व परिवहन के कार्य के लिए अपशिष्ट प्रबंधन एजेंसियों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी है ताकि प्लास्टिक कचरे का पुनर्चक्रण/प्रसंस्करण व्यवस्थित रूप से किया जा सके।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मुताबिक, क्षेत्र में लगभग 4500 मीट्रिक टन ठोस अपशिष्ट उत्पन्न/संग्रहीत होता है। जिसमें से लगभग 450 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा होता है जिसमें पुनर्चक्रण योग्य और गैर-पुन: उपयोग योग्य घटक शामिल हैं। निगम सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने और प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम, 2016 को लागू करने के लिए कार्य योजना लेकर आयी है।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तीन क्षेत्रों से एकत्रित प्लास्टिक कचरे सहित 2000 टीपीडी ठोस अपशिष्ट के प्रसंस्करण के लिए नरेला-बवाना में पहले से ही एक अपशिष्ट प्रसंस्करण सुविधा चला रही है।
संजय गोयल ने बताया कि, भलस्वा लैंडफिल से विरासती कचरे के जैव-खनन के माध्यम से एकत्र किए गए लगभग 350 टीपीडी आरडीएफ का उपयोग नरेला-बवाना में अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र में भी किया जा रहा है। प्लास्टिक कचरे सहित ठोस कचरे के प्रसंस्करण के लिए आईओसीएल के सहयोग से एक एकीकृत अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र भी प्रक्रिया में है।
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Source : IANS