पंजाब के अमृतसर जिले के राजसांसी इलाके में रविवार को निरंकारी सत्संग में चेहरा ढक कर मोटरसाइकिल से पहुंचे दो युवकों ने ग्रेनेड फेंक दिया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 अन्य घायल हुए हैं. यह ग्रेनेड हमला अमृतसर से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित आदिलवाल गांव में निरंकारी पंथ के सत्संग भवन में हुआ. यह जगह अमृतसर के ग्रामीण इलाके में स्थित है, जो कि गुरु रामदास जी अमृतसर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से तीन किलोमीटर दूर है.
पुलसि ने बताया कि घायलों को अमृतसर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. इनमें से दो की हालत गंभीर बनी हुई है. सभी पीड़ित आसपास के गांवों के निरंकारी अनुयायी हैं, जो रविवार को साप्ताहिक धर्म सभा के लिए जुटे थे. पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे पुलिस महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने स्वीकार किया कि यह एक आतंकी हमला था.
उन्होंने आदिलवाल गांव में मीडिया को बताया, 'हम इसे एक आतंकी घटना के रूप में देख रहे हैं. यह घटना एक समूह के खिलाफ है, न कि किसी व्यक्ति के. इसलिए हम इसे आतंकी घटना मान रहे हैं. हमें किसी विशेष समूह के खिलाफ हमले की विशिष्ट जानकारी नहीं थी.'
इसे दुर्भाग्यशाली घटना करार देते हुए अरोड़ा ने कहा कि आगे की जांच में खुलासा होगा कि इस घटना के पीछे कौन था. प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया कि चेहरा ढककर मोटरसाइकिल से आए दो युवक गेट पर मौजूद एक महिला पर पिस्तौल तानकर जबरन निरंकारी भवन के परिसर में घुस गए. एक शख्स ने पुलिस को बताया, 'सबकुछ महज कुछ मिनटों में हो गया. वे घुसे, ग्रेनेड फेंके और फरार हो गए.'
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को पुलिस को सभी संवेदनशील जगहों पर तत्काल सुरक्षा इंतजामात बढ़ाने के निर्देश दिए और इसे हालिया अतीत में बेगुनाह लोगों पर पहला अव्यवस्थित हमला करार दिया.
उन्होंने कहा, 'प्राथमिक जांच में अब तक सामने आया है कि चेहरे ढके दो लोग एक पिस्तौल लहराते हुए जबरन हॉल में घुस गए. इसमें से एक व्यक्ति दाढ़ी रखे हुए था. दोनों ने सेवादार को पकड़ लिया और प्रार्थना कक्ष में ग्रेनेड फेंक दिया, जिसके बाद वे एक मोटरसाइकिल पर बैठकर भाग निकले.'
सिंह ने कहा कि विस्फोट के कारण तीन इंच के व्यास का एक गड्ढा हो गया, जिसकी जांच फॉरेंसिक टीम कर रही है. ग्रेनेड का सुरक्षा वॉल्व भी बरामद कर लिया गया है. मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, 'इस घटना में आईएसआई के खालिस्तानी/कश्मीरी आतंकी समूह की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है. पुलिस टीमें विभिन्न कोणों से जांच कर रही हैं.'
पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक (सीमा क्षेत्र) एस.पी.एस. परमार ने मीडिया से ग्रेनेड हमले में तीन लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है. यह पूछे जाने पर कि क्या यह आतंकवादी हमला है? परमार ने कहा कि सभी कोणों से इसकी जांच की जा रही है.
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परमार ने कहा, 'लोग प्रार्थना के लिए एकत्र हुए थे. वहां करीब 200 लोग मौजूद थे. प्रारंभिक रपटों से पता चला है कि दो लोगों ने एक ग्रेनेड फेंका. किसी प्रकार की गोलीबारी नहीं हुई है.'
देश-विदेश में निरंकारी अनुयायियों की संख्या लाखों में है. इसका मुख्यालय दिल्ली में है. जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के साथ पंजाब पुलिस ने हाल ही में पंजाब के संस्थानों में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों के ऐसे दो गिरोहों का पदार्फाश किया था, जिनके संबंध कश्मीरी आतंकवादी संगठनों से थे.
पंजाब के गुरदासपुर जिले में कश्मीरी आतंकवादी जाकिर मूसा का पोस्टर शुक्रवार को रहस्यमय तरीके से सामने आया, जिसके बारे में कहा गया कि वह पंजाब में देखा गया था.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि मुजरिम पकड़े जाएं. अमरिंदर ने कहा, '2015/2016 से राज्य को सिलसिलेवार हमलों से निशाना बनाया जा चुका है, लंबे समय में अंधाधुंध हत्याओं के जरिए राज्य में शांति भंग करने का यह पहला प्रयास था. पाकिस्तान राज्य की शांति को भंग करने के लिए अपनी जघन्य गतिविधियां जारी रखे हुए है.'
उन्होंने कहा कि बीते 18 महीनों में ऐसे 15 आतंकी गिरोहों का भांड़ाफोड़ किया जा चुका है, जिसमें कुछ के कश्मीरी आतंकियों से भी तार जुड़े हुए पाए गए हैं. मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक के करीबी रिश्तेदार को पांच लाख रुपये मुआवजे की भी घोषणा की है.
Source : IANS