Advertisment

अमृतसर ट्रेन हादसा: रेल राजयमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा, 'रेलवे की तरफ से कोई चूक नहीं हुई'

केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने शनिवार को कहा कि इस दुर्घटना के लिए उनका मंत्रालय जिम्मेदार नहीं है.

author-image
ruchika sharma
एडिट
New Update
अमृतसर ट्रेन हादसा: रेल राजयमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा, 'रेलवे की तरफ से कोई चूक नहीं हुई'

केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा

Advertisment

पंजाब के अमृतसर में ट्रेन द्वारा भीड़ को कुचलने जाने की घटना में 60 लोगों की मौत के बाद केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि इस दुर्घटना के लिए उनका मंत्रालय जिम्मेदार नहीं है. उन्होंने कहा कि जोड़ा फाटक के पास दशहरा कार्यक्रम के लिए प्रशासन और कार्यक्रम आयोजकों ने रेलवे को सूचित नहीं किया गया था. शुक्रवार आधीरात घटनास्थल पहुंचे सिन्हा ने संवाददाताओं को बताया, 'वास्तव में कमिश्नर (अमृतसर) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उन्होंने इस स्थान पर दशहरा कार्यक्रम के लिए मंजूरी नहीं दी थी.'

गौरतलब है कि शुक्रवार को रावण दहन देख रहे लोग तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आ गए थे. 10 सेस 15 सेकेंड में ही क्षत-विक्षत शवों का ढेर लग गया. सिन्हा ने कहा कि वह स्थान घटनास्थल से लगभग 70 मीटर की दूरी पर था, जो रेलवे के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पटाखों के शोर में ट्रेन की आवाज सुनाई नहीं दी.

सिन्हा ने कहा कि यह आरोप-प्रत्यारोप लगाने का समय नहीं है. इसे पहले रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने कहा था कि दुर्घटनास्थल दो स्टेशनों के बीच का हिस्सा है, जहां ट्रेन नियत स्पीड से चलती है.  उन्होंने कहा कि जोड़ा फाटक पर जालंधर-अमृतसर डीजल मल्टीपल यूनिट (डीएमयू) यात्री ट्रेन के लोको पायलट ने ब्रेक लगाए थे.

लोहानी ने संवाददाताओं को बताया, 'ट्रेन तय स्पीड पर चल रही थी और ऐसी उम्मीद नहीं थी कि लोग ट्रैक पर खड़े होंगे. यह पूरी तरह से ट्रेसपासिंग का मामला है. रेलवे ट्रैक से जुड़े दशहरे कार्यक्रम के बारे में रेलवे को कई जानकारी नहीं दी गई थी.' यह घटना शुक्रवार शाम को धोबी घाट के पास हुई, जहां लोग रावण दहन देखने आए थे.

और पढ़ें: तस्वीरों में देखें अमृतसर रेल हादसे का खौफनाक मंज़र, जब चारों तरफ मच गई थी चीख-पुकार

लोहानी ने कहा कि घटनास्थल दो स्टेशनों के बीच का हिस्सा है, जहां ट्रेन ट्रैक के मुताबिक नियत स्पीड पर चलती है. 

रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, यह घटना रेलवे के इंटरलॉक लेवल क्रॉसिंग से लगभग 340 मीटर की दूरी पर हुई.

लोहानी ने कहा कि रेलवे ने सड़क यातायात को विनियमित करने के लिए मानव लेवल क्रॉसिंग पर अपने स्टाफ की नियुक्ति की.

और पढ़ें: पंजाब सरकार ने रेल हादसे की मजिस्ट्रेट जांच कराने के दिए आदेश, 4 हफ्ते में सौंपेगी रिपोर्ट

लोको पायलट की जिम्मेदारी के बारे में पूछे जाने पर लोहानी ने कहा, 'हमारी शुरुआती रिपोर्ट से पता चलता है कि लोको पायलट ने ब्रेक लगाए थे और स्पीड 90 किलोमीटर प्रतिघंटे से कम होकर लगभग 60-65 किलोमीटर प्रतिघंटा हो गई थी. हम अभी भी स्पीडोमीटर चार्ट की जांच कर रहे हैं.'

उन्होंने जनता से रेलवे ट्रैक पर नहीं चलने की हिदायत देते हुए कहा, 'रेलवे नियमित तौर पर लोगों को जागरूक करता रहता है कि रेलवे ट्रैक पर चहलकदमी नहीं करें.'

बता दें कि पंजाब में अमृतसर के निकट शुक्रवार शाम रावण दहन देखने के लिए रेल पटरियों पर खड़े लोगों के ट्रेन की चपेट में आने से कम से कम 59 लोगों की मौत हो गई जबकि 57 अन्य घायल हो गए. ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोड़ा फाटक पर यह हादसा हुआ. मौके पर कम से कम 300 लोग मौजूद थे जो पटरियों के निकट एक मैदान में रावण दहन देख रहे थे.

Source : IANS

punjab manoj sinha amritsar rail accident
Advertisment
Advertisment