अलीगढ़ विश्वविद्यालय में अब सनातन धर्म की होगी पढ़ाई, दो इस्लामिक स्कॉलर्स को पाठ्यक्रम से हटाया  

इससे पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने इस्लामी अध्ययन विभाग के पाठ्यक्रम से 20 वीं शताब्दी के इस्लामी लेखकों अबुल अल अल-मौदुदी और सैय्यद कुतुब को सिलेबस से हटा दिया था.

author-image
Vijay Shankar
New Update
Umar Salim Peerzada

Umar Salim Peerzada ( Photo Credit : ANI)

Advertisment

सनातन धर्म (Sanatan Dharm) पर पाठ्यक्रम को शामिल करने के संबंध में एएमयू (AMU) के प्रवक्ता उमर सलीम पीरजादा ने कहा कि एएमयू एक समावेशी विश्वविद्यालय है जिसमें सभी धर्मों के छात्र आते हैं. इस प्रकार हमने एमए में इस्लामी अध्ययन विभाग में 'सनातन धर्म अध्ययन' पाठ्यक्रम शुरू किया है. यह पढ़ाई ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में की जाएगी. इस कोर्स के दौरान सनातन धर्म के अलावा अन्य धर्मों के बारे में बताया जाएगा. इससे पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने इस्लामी अध्ययन विभाग के पाठ्यक्रम से 20 वीं शताब्दी के इस्लामी लेखकों अबुल अल अल-मौदुदी और सैय्यद कुतुब को सिलेबस से हटा दिया था. 

ये भी पढ़ें : ED पर कांग्रेस को संसद में बोलने की नहीं मिली अनुमति, तो लगाए ये गंभीर आरोप

पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 20 विद्वानों ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को पत्र लिखकर दो लेखकों के काम को पाठ्यक्रम में शामिल करने की शिकायत की थी. एएमयू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन ग्रंथों को हटाने का फैसला सोमवार को लिया गया, जिसके बारे में प्रदर्शनकारी विद्वानों ने कट्टरपंथी राजनीतिक इस्लाम का प्रचार किया. सनातन धर्म पर पाठ्यक्रम को शामिल करने के संबंध में एएमयू के प्रवक्ता उमर सलीम पीरजादा ने कहा कि विश्वविद्यालय एक समावेशी है जिसमें सभी धर्मों के छात्र संस्थान में आते हैं और इसलिए, यह कदम है उठाया गया है. “एएमयू एक समावेशी विश्वविद्यालय है जिसमें सभी धर्मों के छात्र यहां आते हैं. इस प्रकार हमने एमए में इस्लामी अध्ययन विभाग में एक 'सनातन धर्म अध्ययन' पाठ्यक्रम शुरू किया है.

दो इस्लामी लेखकों के कार्यों को हटाने के बारे में पूछे जाने पर एक अधिकारी ने कहा, "हमने इस विषय पर किसी और अनावश्यक विवाद से बचने के लिए यह कदम उठाया क्योंकि कुछ विद्वानों ने कार्यों की आलोचना की है और दो लेखकों के कार्य को लेकर पीएम मोदी से शिकायत की है कि उन्होंने इसमें आपत्तिजनक सामग्री के रूप में वर्णित किया है. अबुल अला अल-मौदुदी (1903-1979) एक भारतीय इस्लामी विद्वान थे, जो विभाजन के तुरंत बाद पाकिस्तान चले गए.  

PM modi Sanatan Dharma सनातन धर्म Aligarh Muslim University amu islamic studies department अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी Islamic Scholar
Advertisment
Advertisment
Advertisment