सोया प्रोडक्ट, पौधों और ड्राई फ्रूट्स से बनाए जाने वाले दूध यानी Vegan Milk के मुद्दे पर दुनियाभर में जानवरों के संरक्षण को लेकर काम करने वाली वैश्विक संस्था PETA India और देश की सबसे बड़ी डेयरी कंपनी अमूल (Amul) के बीच विवाद बढ़ गया है. पेटा के साथ जारी विवाद के बीच अमूल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखकर पेटा इंडिया के ऊपर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की है. बता दें कि पेटा ने अमूल को सोया प्रोडक्ट, पौधों और ड्राई फ्रूट्स से बनाए जाने वाले दूध के उत्पादन पर विचार करने का सुझाव दिया था. अमूल के वॉइस प्रेसीडेंट वलमजी हंबल (Valamji Humbal) ने पेटा के ऊपर लोगों की आजीविका के साधन को बर्बाद करने का आरोप लगाया है और उन्होंने पेटा पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है.
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हंबल का कहना है कि पेटा की वजह से भारतीय डेयरी क्षेत्र की छवि धूमिल हो रही है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि भारत की जीडीपी में डेयरी उद्योग का काफी बड़ा योगदान है. उनका कहना है कि पेटा जैसे अवसरवादी तत्वों के द्वारा फैलाए जा रहे दुष्प्रचार की वजह से जीडीपी पर काफी नकारात्मक असर पड़ सकता है.
पेटा ने अमूल को पत्र में लिखी थी ये बात
पेटा इंडिया ने अमूल के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी को पत्र लिखकर कहा था अमूल को वीगन मिल्क प्रोडक्ट्स का उत्पादन करने के बारे में विचार किया जाना चाहिए. पत्र में पेटा ने लिखा था कि लगातार तेजी से बढ़ रहे वीगन फूड और मिल्क मार्केट का फायदा अमूल को उठाना चाहिए और इसके लिए अमूल को वीगन मिल्क की ओर रुख करना चाहिए. हालांकि अमूल को पेटा का यह बयान पसंद नहीं आया और उसने पेटा से पूछ लिया कि क्या वह इसके जरिए 10 करोड़ गरीब किसानों के रोजगार को छीनना चाहती है? अमूल ने पेटा से सवाल किया है कि अगर कंपनी दूध का उत्पादन कर देगी तो इन दस करोड़ लोगों को रोजगार कैसे मिलेगा? अमूल ने सवाल किया कि किसी मल्टीनेशनल कंपनी के सोया प्रोडक्ट के लिए पिछले 75 साल में किसानों के साथ मिलकर बनाए गए एक मजबूत ढांचे छोड़ दिया जाए?
HIGHLIGHTS
- अमूल ने मोदी को पत्र लिखकर पेटा इंडिया के ऊपर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की
- पेटा की वजह से भारतीय डेयरी क्षेत्र की छवि धूमिल हो रही है: वलमजी हंबल