भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने गुरुवार को कहा कि एएन-32 के दुर्घटनास्थल के पास छह शव और सात लोगों के अवशेष मिले हैं. अरुणाचल प्रदेश में 3 जून को यह विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. एक अधिकारी ने कहा, इससे पहले 11 जून को विमान का मलबा एक दूरदराज इलाके में दिखा था, तभी से घटनास्थल पर पहुंचने और शवों को बरामद करने की कोशिश की जा रही थी. विमान में वायुसेना के 13 कर्मी सवार थे और विमान असम से अरुणाचल प्रदेश जा रहा था.
यह भी पढ़ें: तेलेगुदेशम पार्टी के 4 राज्यसभा सांसदों ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली
इससे पहले भारतीय वायुसेना ने दुर्घटनाग्रस्त विमान पर सवार सभी जवानों के नाम भी जारी कर दिए थे. गौरतलब है कि मलबे को देखे जाने के बाद 13 जून को सुबह 15 सदस्यीय बचाव दल वहां पहुंचा था. आसपास खोजबीन के बाद कोई भी सवार सदस्य जीवित नहीं मिला.
ये हैं मृतक
भारतीय वायुसेना ने जिन मृतकों के नाम जारी किए हैं उनमें विंग कमांडर जीएम चार्ल्स, स्क्वाड्रन लीडर एच विनोद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर थापा, फ्लाइट लेफ्टिनेंट ए तंवर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस मोहंती, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एमके गर्ग, वारंट ऑफीसर केके मिश्रा, सार्जेंट अनूप कुमार, कार्पोरल शेरिन, लीड एयरक्राफ्ट मैन एसके सिंह, लीड एयरक्राफ्ट मैन पंकज समेत पुताली और राजेश कुमार शामिल हैं.
यह भी पढ़ें: स्पीकर बनते ही ओम बिड़ला ने दिया बीजेपी सांसदों को अब तक का सबसे बड़ा झटका!
15 सदस्यीय बचाव दल ने सभी के मारे जाने की पुष्टि
भारतीय वायुसेना ने मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए सभी के परिजनों से दुःख की इस घड़ी में साथ होने की बात कही थी. गौरतलब है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान के मलबे तक पहुंचने के लिए बुधवार को एक 15 सदस्यीय विशेषज्ञ दल को ड्रॉप किया गया था. इस दल में वायुसेना, सेना के जवान और पर्वतारोही शामिल थे. बचाव दल को पहले एयरलिफ्ट करके मलबे के पास ले जाया गया और फिर उन्हें ड्रॉप किया गया. इससे पहले 11 जून को भारतीय वायुसेना के लापता विमान एएन-32 का मलबा अरुणाचल के सियांग जिले में देखा गया था. दुर्घटना वाला इलाका काफी ऊंचाई पर और घने जंगलों के बीच है, ऐसे में विमान के मलबे तक पहुंचना सबसे चुनौतीपूर्ण काम था.
(IANS से इनपुट)