महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर राजनीति गरमा गई है. इस समय पूरे महाराष्ट्र में आरक्षण की मांग जोरों पर है. सरकार ने समाधान निकालने के लिए बुधवार को मुंबई में सर्वदलीय बैठक की. इस बैठक से एक अहम बात निकलकर सामने आई है कि केंद्र सरकार को इस आरक्षण आंदोलन में हस्तक्षेप करना चाहिए. बैठक के दौरान विपक्षी नेताओं ने इशारों-इशारों में सीएम एकनाथ सिंदे से यह पूछने की कोशिश की कि क्या उन्होंने इसमें केंद्र सरकार से मदद मांगी है.
आंदोलन हिंसक हो सकते हैं?
प्रदेश में बढ़ते आंदोलन को ध्यान में रखते हुए राज्य के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने कहा कि मराठा आरक्षण और अधिक आक्रामक हो सकता है. सिर्फ विशेष सत्र बुलाने से इस मुद्दे का समाधान नहीं होगा. पिछले दो दिनों में राज्य में मराठा आरक्षण को लेकर चल रहा आंदोलन काफी हिंसक हो गया है. यहां तक कि बीड में कर्फ्यू भी लगाना पड़ा है.
ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र सीएम बोले, मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाएगा, कार्यकर्ताओं को हिंसा से दूर रहने की अपील की
विपक्षी नेताओं ने क्या कहा?
मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ सिंधे ने कहा कि राज्य सरकार ने मराठा आरक्षण की मांग को पूरा करने की दिशा में पहल की है. इस बैठक में शामिल निर्दलीय विधायक बच्चू कडू ने मांग की कि मराठा समुदाय के लोगों को तुरंत कुनबी जाति प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए. ताकि उन्हें ओबीसी आरक्षण मिल सके. इसके साथ ही कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने मांग की कि केंद्र सरकार को इस मामले में बोलना चाहिए. ताकि मराठा आरक्षण को कानूनी मंजूरी मिल सके. उनके साथ विपक्षी नेता विजय वडेट्टीवार ने भी पूछा कि क्या आपने केंद्र सरकार से मदद मांगी है.
ये भी पढ़ें- CM एकनाथ शिंदे बोले- मराठा समाज को कौन भड़का रहा, इस पर सरकार का ध्यान है
हम मराठा आरक्षण के समर्थन में हैं
उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई है इसलिए इस पर ध्यान देना जरूरी है. अगर यह मसला जल्द सुलझ गया तो यह राज्य के लिए अच्छा होगा, नहीं तो हिंसा और आगजनी की घटनाएं तेजी से बढ़ेंगी. इस पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं कि इसे ज्यादा से ज्यादा न खींचा जाए और समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकाला जाए. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों के बीच गंभीरता बनी रहनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम मराठा आरक्षण के समर्थन में हैं.
Source :