विदेशों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले वैज्ञानिकों और उद्योगपतियों को भारत में कम तबज्जो दी जाती है. ऐसा हाल की कुछ घटनाओं से इस बात की पुष्टि भी हुई है. वहीं देश के कई जाने माने लोग आए दिन इसको लेकर अपनी बात सामने आकर रखते भी रहे हैं. देश के शीर्ष उद्योगपति आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर अपनी बात रखने के लिए हमेशा चर्चा में रहते हैं.
बता दें कि महिंद्रा समूह (Mahindra Group) के चेयरमैन आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने विक्रम लैंडर (Vikram Lander) के मलबे का सबसे पहले पता लगाने वाले चेन्नई के 33 वर्षीय मैकेनिकल इंजीनियर शनमुगा सुब्रमण्यन (Shanmuga Subramanian) को लेकर बड़ी बात कही है.
Why aren’t the headlines reading ‘Indian engineer discovers Vikram Lander debris. NASA confirms finding?’ Can’t we give enough credit to our own tech wizards? https://t.co/oIE7xUdA5A
— anand mahindra (@anandmahindra) December 3, 2019
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पुरस्कार प्राप्त गणितज्ञों को उपलब्धि के लिए भारत को क्रेडिट देना चाहिए
आनंद महिंद्रा ने ट्वीट के जरिए कहा है कि एक भारतीय इंजीनियर ने विक्रम लैंडर के मलबे की खोज की है और उसके लिए नासा ने उन्हें क्रेडिट दिया है. उन्होंने सवाल किया है कि क्या हम इस तरह के मामले में पहले ही उन्हें पर्याप्त क्रेडिट नहीं दे सकते हैं.
Don’t be absurd. In that case, every prize-winning mathematician should give the credit to India for inventing the concept of ‘zero.’ https://t.co/aMd4cUe6n6
— anand mahindra (@anandmahindra) December 3, 2019
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बता दें कि ट्विटर पर एक व्यक्ति ने लिखा था कि इंजीनियर ने मलबे की खोज के लिए नासा की तस्वीरों का सहारा लिया था, क्या आप उन तस्वीरों के बगैर मलबे की खोज कर सकते थे. इस पर आनंद महिंद्रा ने कहा कि ये बात बिल्कुल गलत है. फिर तो ऐसे सभी मामले में पुरस्कार प्राप्त गणितज्ञों को अपनी उपलब्धि के लिए भारत को क्रेडिट देना चाहिए, क्योंकि भारत में ही शून्य की खोज हुई थी. उन्होंने ट्वीट के जरिए मजाकिया लहजे में उस व्यक्ति को जवाब दिया है कि नाच ना जाने आंगन टेढ़ा, यहां तो आपने उल्टा सवाल उठाया है कि नाच हम जानें पर आंगन हीरो.
There’s an old hindi saying: ‘Naach na jaaney aangan teda.’ Yahaan to Aapne ulta sawaal uthaaya hai ki ‘Naach hum jaaney par aangan Hero!’ Vah bhai. https://t.co/aMd4cTWvvy
— anand mahindra (@anandmahindra) December 3, 2019
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बता दें कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (National Aeronautics and Space Administration) ने चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) मिशन के विक्रम लैंडर को खोज निकाला है. नासा (NASA) ने तस्वीर जारी करके इस बारे में जानकारी दी. नासा के लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर (LRO) ने चांद की सतह पर विक्रम लैंडर के मलबे को तलाश लिया है. बता दें कि नासा ने विक्रम लैंडर के मलबे को तलाश करने के लिए चेन्नई के एक मैकेनिकल इंजीनियर शनमुगा सुब्रमण्यन (Shanmuga Subramanian) का इसका क्रेडिट दिया है. गौरतलब है कि मुख्य दुर्घटनास्थल से लगभग 750 मीटर उत्तर पश्चिम में पहला टुकड़ा मिला. आपको बता दें कि सितंबर में चंद्रयान-2 मिशन में लैंडिंग के दौरान विक्रम लैंडर से भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो का संपर्क टूट गया था.
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मलबे की खोज करने वाले शनमुगा सुब्रमण्यन पहले व्यक्ति
एक बयान में, नासा ने कहा कि उसने 26 सितंबर को साइट की एक मोज़ेक छवि जारी की थी. जनता को लैंडर के संकेतों की खोज करने के लिए आमंत्रित किया था. नासा ने अपने बयान में कहा है कि चेन्नई के 33 वर्षीय मैकेनिकल इंजीनियर शनमुगा सुब्रमण्यन पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने इस मलबे की खोज की है. नासा के मुताबिक शनमुगा सुब्रमण्यन ने नासा के LRO प्रोजेक्ट से संपर्क किया था. बता दें कि शनमुगा सुब्रमण्यन ने ही क्रैश साइट के उत्तर पश्चिम में करीब 750 मीटर दूर मलबे की पहचान की थी.