महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को लेकर विवादित बयान देकर बुरे फंसे बीजेपी के सांसद अनंत कुमार हेगड़े (Anant Kumar Hegde) ने अपनी सफाई दी है. अनंत कुमार हेगड़े ने मंगलवार को कहा, मैंने कभी किसी राजनीतिक दल या महात्मा गांधी या किसी और के लिए कोई संदर्भ नहीं दिया, मैं सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम (Freedom Movement) को वर्गीकृत करने की कोशिश कर रहा था. भाषण सार्वजनिक डोमेन में है यदि कोई देखना चाहता है, तो यह ऑनलाइन और मेरी वेबसाइट पर उपलब्ध है. मैंने कभी महात्मा गांधी और पंडित नेहरू (Pt Jawaharlal Nehru) के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा. मैं सिर्फ हमारे स्वतंत्रता संग्राम के बारे में चर्चा कर रहा था.
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अनंत कुमार हेगड़े के बयान से बैकफुट पर आई बीजेपी ने एक दिन पहले सोमवार को अनंत हेगड़े (Anant Hegde) के महात्मा गांधी पर दिए गए बयान को लेकर तत्काल माफी मांगने को कहा था. बताया जा रहा था कि हेगड़े के बयान से पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) काफी नाराज हैं.
ऐसे समय में नागरिकता कानून को लेकर सभी विपक्षी दल एकजुट होकर हमला बोल रहे हैं, तो अनंत हेगड़े के बयान से बीजेपी की मुसीबतें बढ़ती दिखाई दे रही हैं. सोमवार को कांग्रेस ने हेगड़े के बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान देने की मांग की थी. विपक्षी दलों के तमाम नेता अनंत हेगड़े के बयान को बीजेपी का एजेंडा बता रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के अन्य रणनीतिकार नहीं चाहते कि इस मुश्किल समय में कोई नया विवाद खड़ा हो और पार्टी उसमें फंसती दिखाई दे.
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अनंत कुमार हेगड़े ने क्या कहा था
अनंत कुमार हेगड़े (Anant kumar Hegde) ने महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के नेतृत्व में हुए स्वतंत्रता आंदोलन को नाटक करार देते हुए उन्हें 'महात्मा' कहने पर सवाल उठाए थे. शनिवार को बेंगलुरु में एक जनसभा में बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने कहा था, 'ब्रिटिश सरकार की अनुमति और समर्थन से पूरा स्वतंत्रता संग्राम रचा गया था. स्वतंत्रता संग्राम में तथाकथित नेताओं में से किसी ने एक बार भी पुलिस की मार नहीं खाई थी. एक बार भी नहीं. गांधी का स्वतंत्रता संग्राम महज एक ड्रामा था.'
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हेगड़े ने आगे कहा, 'भारत का स्वतंत्रता संग्राम असल में वास्तविक लड़ाई नहीं थी. यह सामंजस्य के आधार पर रचा गया स्वतंत्रता संग्राम था. महात्मा गांधी के उपवास और सत्याग्रह पर सवाल उठाते हुए उन्होंने उसे नाटक बताया. हेगड़े ने कहा था, कांग्रेस समर्थक कहते हैं कि आमरण अनशन और सत्याग्रह से भारत को आजादी मिली. यह सही नहीं है. अंग्रेजों ने सत्याग्रह के चलते देश नहीं छोड़ा था, बल्कि निराश होकर भारत छोड़ा था.
साध्वी प्रज्ञा के बयान पर भी हुआ था विवाद
पिछले साल 28 नवंबर को भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने लोकसभा में बहस के दौरान गोडसे को देशभक्त बताया था. उस पर भी लोकसभा में भारी हंगामा हुआ था. प्रज्ञा ठाकुर के बयान को लोकसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया था. SPG संशोधन बिल पर बहस के दौरान द्रमुक सांसद ए. राजा ने नाथूराम गोडसे के बयान का हवाला दिया था, जिसे सुनते ही बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर चीख पड़ी थीं. उन्होंने गोडसे को देशभक्त बताते हुए ए. राजा के बयान का विरोध किया था.
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इसके बाद लोकसभा में भारी हंगामा हुआ था और लोकसभा की कार्यवाही से सांसद प्रज्ञा ठाकुर के बयान को हटाना पड़ा था. लोकसभा चुनाव के दौरान साध्वी प्रज्ञा ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताकर विवाद पैदा किया था. उस दौरान पार्टी ने उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा था. सूत्र बता रहे हैं कि बीजेपी सदन में भी नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार देने वाले बयान के बाद साध्वी प्रज्ञा पर कार्रवाई कर सकती है.
Source : News Nation Bureau