संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि संसद में अगले हफ्ते दो बिल लाए जाएगा। इस बिल में मुस्लिम महिलाओं (प्रोटेक्श ऑफ राइट ऑन मैरिज) के लिए बिल और पिछड़ा वर्ग के लिए ओबीसी कमीशन संवैधानिक स्थिति में 123वें संशोधन के लिए बिल पेश किया जाएगा।
बता दें कि गरुवार सुबह से ही यह कयास लगाए जा रहे था कि मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों से संबंधित तीन तलाक के खिलाफ बिल शुक्रवार को संसद में पेश किया जाएगा। लेकिन शाम तक संसदीय कार्यमंत्री के बयान के बाद यह असमंजस की स्थिति साफ हो सकी।
खबरों के मुताबिक बिल को आसानी से पास कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया गया था कि वे अनिवार्य रूप से संसद में मौजूद रहें। इन खबरों के बाद यह माना जा रहा था कि शुक्रवार को ही केंद्र सरकार यह बिल पेश कर सकती है।
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बता दें कि तीन तलाक के खिलाफ बिल को कैबिनेट ने 15 दिसंबर को मंजूरी दी थी। इस बिल में तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
'मुस्लिम संगठनों से नहीं ली गई राय'
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि तीन तलाक के खिलाफ विधेयक तैयार करने में मुस्लिम संगठनों से कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि यह मुद्दा लैंगिक न्याय, लैंगिक समानता और महिलाओं की गरिमा की मानवीय अवधारणा से जुड़ा हुआ है, जिसमें आस्था और धर्म का कोई संबंध नहीं है।
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Source : News Nation Bureau