आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी (Y. S. Jaganmohan Reddy) ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस (Coronavirus) का खात्मा नहीं किया जा सकता है और संक्रमण को रोकने के लिए पर्याप्त एहतियात बरतकर ‘‘हमें इसके साथ रहना होगा.’’ टेलीविजन के माध्यम से राज्य के लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एक वर्ष या इसके बाद ही वायरस का टीका विकसित किया जा सकता है और तब तक बीमारी को फैलने से रोकने के लिए ‘‘सामूहिक प्रतिरोधक’’ का विकास करना ही एकमात्र विकल्प है.
जगन ने कहा कि उनकी सरकार स्थिति को स्पष्ट रूप से समझ रही है और इसका समाधान करने के लिए उसी मुताबिक तैयार है. जगन ने कहा, ‘कोरोना वायरस (coroanvirus) किसी येल्लैया या पुल्लैया या मुझे भी संक्रमित कर सकता है. यह कुछ नहीं है बल्कि बुखार है. यह आता है और जाता है. जब यह आए तो दवा लीजिए और खास ध्यान रखिए.’
एक भी व्यक्ति छूट जाता है तो फिर से चेन बन सकती है
उन्होंने कहा, ‘कई उपाय करने के बावजूद वास्तविकता यह है कि हम वास्तव में वायरस पर लगाम नहीं लगा सकते हैं. अगर कहीं पर एक भी व्यक्ति छूट जाता है और वह छींकता है या खांसता है तो वायरस फैलता है. यह कभी नहीं खत्म होने वाली प्रक्रिया है. किसी भी तरीके से वायरस पूरी तरह खत्म नहीं हो सकता है.’
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स्वाइन फ्लू की तरह कोरोना भी जीवन का हिस्सा बन सकता है
जगन ने कहा कि आगामी दिनों में वायरस स्वाभाविक रूप से हर किसी को प्रभावित कर सकता है और स्वाइन फ्लू की तरह जीवन का हिस्सा बन सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘स्वाइन फ्लू संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है. यह फैलता है. या फिर चेचक. कोरोना भी इसी तरह है. दवा लेकर और कुछ एहतियात बरतकर, यह ठीक होता है.’
आंध्र प्रदेश का 80 प्रतिशत जगह कोरोना मुक्त है
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश में संक्रमण की दर महज 1.6 फीसदी है जबकि राष्ट्रीय औसत दर चार फीसदी है. उन्होंने कहा, ‘आंध्र प्रदेश का 80 फीसदी (559 मंडल) कोरोना मुक्त है. वायरस का संक्रमण रेड जोन में 63 मंडलों और ऑरेंज जोन में 54 मंडलों तक सीमित है. राज्य का शेष हिस्सा हरित जोन में है.’
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जगन ने कहा कि भगवान की दया से हमें इसके लिए गौरवान्वित महसूस करना चाहिए. उन्होंने लोगों से अपील की कि सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करें क्योंकि प्रसार को रोकने का एकमात्र यही तरीका है. वायरस के कारण राज्य में अभी तक 1177 लोग संक्रमित हुए हैं और 31 लोगों की मौत हुई है.
कोरोना को अछूत के तौर पर नहीं देखना चाहिए
उन्होंने कहा, ‘कोरोना को अछूत के तौर पर नहीं देखना चाहिए या लोगों को महसूस करने की जरूरत नहीं है कि इसके साथ हर चीज बर्बाद हो गया. यह सामान्य बुखार की तरह है.’ उन्होंने कहा कि वृद्ध लोगों और अलग-अलग बीमारियों से पीड़ित लोगों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. उन्होंने सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, ग्रामीण वालंटियर, पुलिस, साफ-सफाई और राजस्व कर्मचारियों को संकट से लड़ने में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए धन्यवाद दिया.
Source : Bhasha