प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आंध्र प्रदेश में प्रस्तावित कार्यक्रम से पहले राज्य में मोदी विरोधी पोस्टर दीवारों पर चिपकाए गए हैं. पीएम मोदी रविवार को तमिलनाडु पहुंचने से पहले सुबह करीब 11 बजे आंध्र प्रदेश के गुंटूर में जनसभा 'प्रजा चैतन्य सभा' को संबोधित करने वाले हैं. पोस्टरों में #NoMoreModi, #ModiIsAMistake, #ModiNeverAgain लिखे हुए नजर आ रहे हैं. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी प्रधानमंत्री के दौरे से पहले अपने कार्यकर्ताओं और सदस्यों को विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया था.
नायडू ने तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) कार्यकर्ताओं से शनिवार को कहा कि वे पीएम मोदी की रविवार को प्रस्तावित राज्य की यात्रा के दौरान विरोध प्रदर्शन करें। उन्होंने टेलीकॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान कार्यकर्ताओं और पार्टी सदस्यों से कहा कि राज्य के साथ केंद्र के 'विश्वासघात' के खिलाफ विरोध प्रदर्शन इस पैमाने पर किया जाना चाहिए कि पूरे देश का ध्यान इस ओर आकर्षित हो. नायडू ने आरोप लगाया कि मोदी 2014 में राज्य के विभाजन के बाद की बर्बादी देखने के लिए राज्य आ रहे हैं.
उन्होंने शनिवार को कहा, 'कल (रविवार) एक काला दिन है. प्रधानमंत्री मोदी अपने द्वारा आंध्र प्रदेश के साथ किए गए अन्याय को देखने आ रहे हैं. मोदी राज्यों और संवैधानिक संस्थानों को कमजोर कर रहे हैं. राफेल (डील) में पीएमओ का हस्तक्षेप देश का अपमान है. हम पीले और काले शर्ट व बैलून के साथ शांतिपूर्ण तरीके से गांधीवादी प्रदर्शन करेंगे.'
टीडीपी द्वारा पिछले साल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ संबंध तोड़ने के बाद यह आंध्र प्रदेश की उनकी पहली यात्रा है. टीडीपी अध्यक्ष नायडू ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने कारण उन्होंने एनडीए से अलग होने का फैसला किया था.
चंद्रबाबू नायडू सोमवार (11 फरवरी) को नई दिल्ली में दिन भर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करेंगे. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी द्वारा दिखाए गए तरीके से विरोध-प्रदर्शन आयोजित किए जाने चाहिए.
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आंध्र प्रदेश सरकार ने विरोध प्रदर्शन को लेकर लोगों को नई दिल्ली ले जाने के लिए दो विशेष रेलगाड़ियां किराए पर ली जो रविवार को ही दिल्ली पहुंच जाएगी. सामान्य प्रशासन विभाग ने दक्षिण मध्य रेलवे से दोनों 20 डिब्बों वाली रेलगाड़ियों को किराए पर लेने के लिए 1.12 करोड़ रुपये जारी किए.
यह विरोध प्रदर्शन आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने से इनकार करने और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 में किए गए अन्य वादों को पूरा करने में विफल रहने के खिलाफ किया जा रहा है.
Source : News Nation Bureau