सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देश पर अयोध्या में आवंटित की गई जमीन पर मस्जिद निर्माण के लिए बुधवार को उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने ट्रस्ट का ऐलान कर दिया. बोर्ड के अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी ने बताया कि बोर्ड ने अयोध्या (Ayodhya) के धन्नीपुर गांव में आवंटित की गई पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद, इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, लाइब्रेरी और अस्पताल के निर्माण के लिए 'इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन' नाम से एक ट्रस्ट बनाया है. उन्होंने बताया कि इस ट्रस्ट में अभी कुल नौ सदस्य हैं. बाकी छह सदस्यों के नाम तय करने पर विचार किया जा रहा है. ये सदस्य मौजूदा सदस्यों की आपसी सहमति से तय किये जाएंगे. बोर्ड खुद इसका संस्थापक ट्रस्टी होगा और बोर्ड के मुख्य अधिशासी अधिकारी इसके पदेन प्रतिनिधि होंगे.
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फारुकी ने बताया कि वह खुद इस ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी एवं अध्यक्ष होंगे. इसके अलावा ट्रस्ट में अदनान फर्रुख शाह उपाध्यक्ष, अतहर हुसैन सचिव और फैज आफताब कोषाध्यक्ष होंगे जबकि मोहम्मद जुनैद सिद्दीकी, शेख सऊदउज्जमां, मोहम्मद राशिद और इमरान अहमद सदस्य होंगे. सचिव को ट्रस्ट का आधिकारिक प्रवक्ता भी बनाया गया है.
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल नौ नवंबर को राम जन्मभूमि/बाबरी मस्जिद वाद में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण करने और मुसलमानों को मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था. इसके अनुपालन में सुन्नी वक्फ बोर्ड को फरवरी में अयोध्या जिले की सोहावल तहसील स्थित धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ ज़मीन दी गयी थी.
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सुन्नी वक्फ बोर्ड इस मुकदमे में मुख्य मुस्लिम पक्षकार था. वक्फ बोर्ड ने उस जमीन पर मस्जिद के साथ-साथ इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, अस्पताल और पुस्तकालय बनाने का ऐलान किया था. यह तमाम निर्माण कैसे होगा इस बारे में फैसला लेने के लिए इस ट्रस्ट का गठन किया जाना था.
Source : Bhasha