Advertisment

देश विरोधी ताकतें कर रही हैं किसान आंदोलन का इस्तेमाल: संजीव बालियान

संजीव बालियान का कहना है कि मैं कह सकता हूं कि हमें नुकसान के साथ-साथ उन्होंने अपना भी नुकसान किया है. जिस 9 महीने से किसान के पक्ष में किसानों की आवाज उठाई जाती है.

author-image
Kuldeep Singh
New Update
Sanjeev balyan

केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री संजीव बालियान( Photo Credit : न्यूज नेशन)

किसान आंदोलन को लेकर मुजफ्फरनगर में किसानों की एक महापंचायत हुई, जिसमें बीजेपी को हराने और वोट पर चोट करने की बात आंदोलन में तय की गई. इस मुद्दे पर मुजफ्फरनगर से सांसद और केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री संजीव बालियान का कहना है कि जिस दिन से यह पंचायत हुई और पंचायत में बीजेपी को हराने और वोट पर चोट देने की बात कही गई, उसके बाद ही गांव के लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया कि यह तो राजनीति है. यह राजनीति के तहत किया गया है.

Advertisment

संजीव बालियान का कहना है कि मैं कह सकता हूं कि हमें नुकसान के साथ-साथ उन्होंने अपना भी नुकसान किया है. जिस 9 महीने से किसान के पक्ष में किसानों की आवाज उठाई जाती है, उस दिन किसान की आवाज भी कमजोर की गई है. लोगों को भी लग गया कि यह तो राजनीति करने आ गए. यह तो भारतीय जनता पार्टी के विरोध में हैं. आप पक्ष में किसके हैं, यह भी बता दीजिए. जब खुलकर आपने कहा कि भाजपा को वोट मत दीजिए तो यह भी कह दो कि किसके पक्ष में वोट देनी है. 

यह भी पढ़ेंः केजरीवाल फिर बने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक, पंकज गुप्ता होंगे सचिव

उन्होंने कहा कि यह सब अब राजनीतिक हो चुका है. जब यह कहा जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी को वोट मत दो, तो यह अब राजनीति की तरफ चला गया है. किसान के मुद्दे उस महापंचायत में गायब थे. किसान के मुद्दे से हटकर बहुत सी बातें उस दिन वहां हुई. किसान के मुद्दे रहने चाहिए थे. उत्तर प्रदेश की समस्या रहनी चाहिए थी. हम भी किसान हैं. हम भी चाहते हैं कि किसान के लिए कुछ बेहतर हो , हम भी सहयोग करते लेकिन यह सब मुद्दे हटके कहीं ना कहीं राजनीति होने लगी.

Advertisment

सवाल पूछने पर कि क्या इस महापंचायत के जरिए राकेश टिकैत अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं, इस पर मंत्री संजीव बालियान का कहना था कि मुझे ये उम्मीद नहीं थी कि इस तरह से राजनीतिक होंगे कि बीजेपी के विरोध पर उतर जाएंगे. सरकार केंद्र और प्रदेश में बीजेपी की है.  जनता के आशीर्वाद से 2022 में दोबारा उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनेगी तो कहीं ना कहीं उन्हें किसान मुद्दे पर बीजेपी से ही बात करनी पड़ेगी तो फिर बीजेपी का विरोध क्यों.

यह भी पढ़ेंः 2 महीने से लिखी जा रही थी रूपाणी के इस्तीफे की पटकथा, पढ़ें इनसाइड स्टोरी

संजीव बालियान ने कहा कि यह अच्छा नहीं लगता. मुद्दे की बात कीजिए, पार्टी का विरोध मत कीजिए. हम भी चुनाव में जनता के बीच में जाएंगे. जनता के बीच में अपनी बात रखेंगे. 5 साल की सरकार, अच्छी कानून व्यवस्था... लोग 2012 से 2017 का शासन अभी तक भूले नहीं हैं. किसानों के आंदोलन में किसान नेता यह जान लें कि तब वह भी विरोध में थे और हम भी विरोध में थे. दोबारा जनता का आशीर्वाद हमें ही मिलेगा.

Advertisment

मंच से कुछ नारे लगे ,पाकिस्तान के ट्विटर हैंडल से कुछ तस्वीरें इस किसान आंदोलन की शेयर की गई, इस पर संजीव बालियान का कहना है कि दुख इसी बात का है. लोकतंत्र में नारा कोई भी लगा सकता है. दुख इस बात का है कि वह पाकिस्तान पर चला गया और इस बात का अहसास उन्हें भी होना चाहिए कि कुछ लोग जो देश विरोधी ताकतें हैं, वह कैसे इनका इस्तेमाल करती है.

यह भी पढ़ेंः मुल्ला बरादर के पासपोर्ट से बड़ा खुलासा, तालिबानी शासन के पीछे पाक का हाथ

मुजफ्फरनगर दंगों का इतिहास खंगाला गया. आप ही तो पंचायत के आयोजनकर्ता थे. 2013 में पंचायत भारतीय किसान यूनियन के द्वारा बुलाई गई थी, जिसके बाद दंगे हुए और आरोप हम पर लगाए गए. किसानों का दावा था कि मुजफ्फरनगर महापंचायत में 5 लाख की भीड़ पहुंची, क्या बीजेपी की जमीन हिलती नजर आ रही है. यह सवाल पूछने पर संजीव बालियान का कहना था कि यह अब राजनीतिक हो चुका है. राजनीतिक लोगों की रैलियां होती हैं.  यह पंचायत नहीं थी, यह रैली थी. किसान आंदोलन चुनाव में पश्चिम उत्तर प्रदेश में बीजेपी को नुकसान पहुंचाएगा या नहीं इस सवाल पर संजीव बालियान का कहना था कि यह तो वक्त बताएगा. जनता का आशीर्वाद हमें मिलेगा, यह मुझे पूरा विश्वास है. 

Advertisment

Kisaan Movement rakesh-tikait sanjeev balyan
Advertisment
Advertisment