Anti-Putin Russian National Missing In Indian State, Odisha: रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ा हुआ है. युद्ध के समर्थक और विरोधी हर देश में होते हैं. लेकिन रूसी युद्ध का विरोध करने वाला हर रूसी रूस का ही दुश्मन बन जाता है, ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं. रूस के अंदर रूसी युद्ध का विरोध करने वाले अधिकतर लोग सलाखों के पीछे हैं, तो युद्ध के विरोध में बिगुल बजाने वाले कई हाई प्रोफाइल नेता, बिजनेसमैन या तो मारे जा चुके हैं, या उन्हें मारने की कोशिश हो चुकी है. फिर वो चाहें देश के अंदर हों या बाहर. अभी कुछ दिनों पहले ही रूस के एक पुतिन विरोधी सांसद की भारत के ओडिशा राज्य के रायगढ़ जिले में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. उससे दो दिन पहले सांसद के दोस्त की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. और अब खबर आ रही है कि भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर रूसी युद्ध के खिलाफ प्ले-कार्ड लेकर विरोध प्रदर्शन करने वाला एक रूसी पासपोर्ट धारक गायब हो चुका है. उसकी कोई खबर नहीं मिल पा रही है.
रेलवे स्टेशन से ही गायब हो गया शख्स!
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर कुछ दिनों पहले एक करीब 60 साल के रूसी व्यक्ति की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी. उसने अपने हाथ में युद्ध विरोधी तख्ती थामे रखी थी. लोग उसकी तस्वीरें खींच रहे थे. पुलिस भी आई. जीआरपी भी आई. पूछताछ हुई. पासपोर्ट चेक किया गया. वीजा भी वैध निकला. लेकिन कुछ ही समय के बाद उक्त व्यक्ति गायब हो गया. प्ले कार्ड पर उसके दावों के मुताबिक, वो रूसी एक बेघर व्यक्ति है. इसके बावजूद वो पुतिन के थोपे युद्ध का विरोध कर रहा है. पर अब उसका कुछ पता नहीं चल पा रहा है. ओडिशा में दो रूसियों के साथ अनहोनी हो चुकी है. तीसरे व्यक्ति के साथ भी कोई अनहोनी हो सकती है. इस बार की आशंका जताई जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भुवनेश्नर जीआरपी थाना प्रभारी जयदेव बिश्वाजीत (Jayadev Biswajit, the inspector in charge of Government Railway Police station, Bhubaneswar) ने गायब व्यक्ति के बेघर होने, पुलिस की पूछताछ, वैध वीजा जैसी बातों की पुष्टि की है.
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रूसी ओडिशा में पहुंचे कैसे? पुतिन विरोध का ये कैसा कनेक्शन? जो...
इन सभी लोगों में एक बात कॉमन है. वो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूसी युद्ध का विरोध. हालांकि संदिग्ध परिस्थितियों में खिड़की से गिर कर मरे मल्टी मिलेनियर रूसी व्यवसाई/सांसद ने पुतिन का विरोध करने से बाद में इनकार कर दिया था. ऐसा बहुत सारे रूसी करते हैं, क्योंकि पुतिन के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत किसी में भी नहीं है. पर अब सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है. सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि इतने सारे रूसी, युद्ध के समय ओडिशा में क्या कर रहे हैं. ये सारे रूसी पुतिन विरोधी ही क्यों हैं? अगर वो पुतिन विरोधी हैं भी, तो उन्हें भारत में कौन निशाना बना रहा है? सवाल बड़ा है, समझने वालों के लिए इशारा काफी है. लेकिन इतना सब कुछ होने के बावजूद स्थानीय प्रशासन खाली हाथ है, सरकार के पास कहने को कुछ नहीं है. पुलिस जांच में लीपापोती करने की कोशिश करती नजर आ रही है. बिना बिसरा लिये मल्टीमिलेनियर बिजनेस/सांसद के शव का दाह संस्कार कर दिया जाता है. ओडिशा सरकार कुछ बोल नहीं रही है. ऐसे में रूस, पुतिन, युद्ध, विरोध, हत्या, लापता जैसी घटनाएं एक बड़ी लकीर तो खींच ही रही है.
HIGHLIGHTS
- ओडिशा में निशाने पर रूसी?
- कौन रूसियों के साथ कर रहा खेल!
- किसी को हार्ट अटैक, तो किसी की खिड़की से गिरकर मौत?