दिल्ली में आज भी वायु की गुणवत्ता का स्तर 'ख़राब' बना हुआ है. एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के तहत आज यानी कि गुरुवार को दिल्ली में पीएम 10 का स्तर 283 है जबकि पीएम 2.5 का स्तर 214 है. बता दें कि एक्यूआई का स्तर 0 से 50 के बीच 'अच्छा' माना जाता है. 51 से 100 के बीच यह 'संतोषजनक' स्तर पर होता है और 101 से 200 के बीच इसे 'मध्यम' श्रेणी में रखा जाता है. हवा की गुणवत्ता का सूचकांक 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच 'अत्यंत गंभीर' स्तर पर माना जाता है.
गौरतलब है कि पिछले चार दिनों से दिल्ली में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में है और प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. सोमवार को जारी सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 348 दर्ज किया गया जो 'बहुत खराब' श्रेणी दर्शाता है.
#Delhi: According to the Air Quality Index (AQI) data, major pollutant PM 10 detected at 283 (poor category) and PM 2.5 detected at 214 (poor category) in Lodhi Road area. pic.twitter.com/o0Pr6egune
— ANI (@ANI) November 1, 2018
शहर में अलग-अलग जगहों पर बनाए गए 29 निगरानी केंद्रों ने हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्शाई जबकि चार केंद्रों ने हवा की गुणवत्ता 'अत्यंत गंभीर' श्रेणी की बताई.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में जहरीली हवा से देश में एक लाख से ज्यादा मासूम बच्चों की मौत हो गई. इनमें पांच साल से कम उम्र के 60,987 बच्चे शामिल हैं. रिपोर्ट बताती है कि दुनियाभर में प्रदूषित हवा के चलते साल 15 साल से कम उम्र के छह लाख बच्चों की मौत हो गई.
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WHO की रिपार्ट बताती है कि भारत समेत निम्न और मध्यम आय-वर्ग के देशों में पांच साल से कम उम्र के 98 फीसद बच्चे साल 2016 में अतिसूक्ष्म कणों से पैदा वायु प्रदूषण के शिकार हुए. पांच साल से कम उम्र के 60,987 बच्चे पीएम 2.5 यानी हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों के चलते मारे गए.
Source : News Nation Bureau