आर्कोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया यानि ASI ने देश के 31 जगहों का चुनाव किया है. ये जगह देश 15 राज्यों में है. एएसआई इन जगहों पर खुदाई कर देश के इतिहास के बारे में नई चीजें पता करने की कोशिश करेगी. एएसआई का कहना है कि इन जगहों की खुदाई से जमीन में दफन हजारों साल पुराना इतिहास और सभ्यता को जानने में मदद मिलेगा. इस खनन में पुराना किला, राखीगढ़ी समेत पांडव काल के सभ्यताओं को जानने के लिए बागपत में व्यापक तरीके से खोज किया जायेगा.
एएसआई विभाग ने हजारों साल पुरानी सभ्यताओं की खोज करने के लिए और भारत के इतिहास को जानने के लिए लगातार प्रयासरत है. विभाग ने देश के इतिहास को सामने लाने के लिए खनन करती रहती है. इसमें सिनौली में 3500 से 4000 साल पुरानी सभ्यता हो या फिर हजारों साल पुराना राखीगढ़ी का इतिहास. पुरातत्व विभाग की कोशिश है कि अब तक पाये गये अवशेषों को देश के लोगों के सामने लाना और उससे लोगों को अवगत कराना. इस खनन के दौरान बागपत के तिलवारा गांव में कई चांदी के सिक्के मिले है और कई ऐसे सिक्के मिले है जो मौर्य काल के है. वहीं, खनन के दौरान ऐसे मिट्टी के बर्तन सामने आये है जो मौर्य और शिंगू साम्राज्य के समय का बताया जा रहा है.
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इसके अलावा दिल्ली के पुराने किले को भी इस नई खोज का हिस्सा बताया है. राखीगढ़ी के खनन के बारे में केंद्र ने कहा है कि इन अवशेषों के लिए पहले ही म्यूजियम तैयार किया जा चूका है और यहां तीस मीटर से अधिक के खनन का लक्ष्य रखा गया है, ताकि इतिहास के बारे में नई जानकारी सामने आ सके. पुरातत्व विभाग के जानकारी के मुताबिक इन 31 जगहों में 3 महाराष्ट्र में, 3 उत्तरप्रदेश में, 3 मध्यप्रदेश में जगहों को चिन्हित किया गया है. इस बार मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के बटेश्वर मंदिरों को भी शामिल किया गया है, यह काफी समय से लंबित था. वहीं, पुरातत्व विभाग का कहना है कि अगर खुदाई के दौरान कुछ विशेष मिलता है तो खोज को आगे बढ़ाया जा सकता है.
HIGHLIGHTS
- पुरातत्व विभाग करेगा 31 नई जगहों पर खुदाई
- खनन के जरिए पुराने सभ्यता को जानने की कोशिश
- एमपी में 3, यूपी में 3 और महाराष्ट्र की 3 जगहें शामिल