Plastic Money: हम सबने बचपन में चूरन वाले नोट के साथ जरूर खेला होगा. इससे जुड़ी कई यादें आपके मन में ताजा होगी. वर्तमान समय में भारत में भी चर्चा जोरों से चल रही है कि भारत सरकार भी प्लास्टिक के नोट जारी कर सकती है. अब वित्त मंत्री से इस मामले पर सवाल किया गया है. इस सवाल पर वित्त मंत्रालय की ओर से बयान जारी किया गया है. आपको बता दें कि हर साल रिजर्व बैंक को नोट छापने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करना पड़ता है. इसके साथ ही इन नोटों की लाइफ कुछ साल तक ही होते हैं.
नोटों की छपाई पर 4682.80 करोड़ खर्च
आपको बता दें कि वर्तमान समय में जिन नोटों का इस्तेमाल आम लोगों के द्वारा किया जा रहा है उसे रिजर्व बैंक की निगरानी में छपाई की जाती है. वहीं भारत में चलने वाले सभी नोट शुद्ध कॉटन के मेटेरियल से तैयार किया जाता है. इस बात की जानकारी रिजर्व बैंक के अधिकारिक वेबसाइट पर दी गई है. हलांकि लोगों को लगता है कि भारतीय नोट कागज के बने हैं. एक जानकारी के मुताबिक साल 2022-23 में नोट छापने के लिए सरकार ने कुल 4682.80 करोड़ रुपए व्यय किए.
इन देशों में है प्लास्टिक मनी
वहीं विश्व में कई ऐसे देश है जहां नोट प्लास्टिक के बने होते हैं. कहा जाता है कि पूरी दुनिया में सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया में प्लास्टिक के नोट का चलन शुरू हुआ. इसके साथ ही उसके पड़ोसी देश न्यूजीलैंड ने भी वैसा किया है. यहां की सरकार ने भी अपने देश में प्लास्टिक के नोट चला रखें हैं. इसके अलावा वियतनाम, कनाडा, ब्राजील, युनाइटेड किंगडम यहां सिर्फ 5 और 10 पाउंड के नोट ही, ब्रुनई मलेशिया मालदीव, निकारागुआ, रोमानिया, कोस्टा रीका और मलेशिया में प्लास्टिक के नोटों चल रहे हैं.
फिलहाल कोई प्लान नहीं
आपको बता दे कि प्लास्टिक नोटों को लेकर भारत में भी चर्चाएं तेज हो गई थी. इसके बाद लोकसभा में सरकार से इस मामले पर सवाल किया गया है. सवाल में पूछा गया कि क्या भारत में भी अब प्लास्टिक के नोट देखने को मिलेंग. अगर हां तो ये कब तक आम जनों के लिए उपलब्ध हो जाएगा. इस सवाल का जवाब देने वित्त राज्यमंत्री पकंज चौधरी सामने आए. उन्होंने संसद को जवाब दिया कि फिलहाल इस सरकार का ऐसा कोई प्लान नहीं है. इसके साथ ही सरकार की ओर से प्लास्टिक मनी पर कोई भी पैसा खर्च नहीं किया है.
Source : News Nation Bureau