भारत में ओमीक्रॉन मामलों की संख्या 200 का आंकड़ा पार कर गई है. देश में लगातार बढ़ रहे केस से चिंता बढ़ती जा रही है. इस नए वेरिएंट को पहले 'हल्का' कहा जाता था, लेकिन अब यह इतने कम समय में काफी तेजी से फैलती जा रही है. कोरोना वायरस मामलों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए इसके लक्षण, सावधानी बरतने और सतर्क रहने को लेकर महत्वपूर्ण बातों को जानना जरूरी हो गया है. इसके अलावा, COVID-19 के विभिन्न चरणों के बारे में भी पता होना जरूरी है. खासकर नए वेरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर कि कैसे यह पूरी दुनिया में यह तेजी से पैर प्रसार रहा है.
1. ओमीक्रॉन से जुड़े लक्षण
ओमीक्रॉन से जुड़े लक्षण की जब बात आती है, तो ज्यादातर लक्षण COVID-19 लक्षणों से अलग होते हैं. डॉक्टरों ने कई मौकों पर इसके लक्षणों को सूचीबद्ध किया है. इनमें हल्का बुखार, थकान, गले में खरास और शरीर में दर्द जैसे लक्षण हैं. ओमीक्रॉन में गंध और स्वाद के नुकसान के कोई संकेत नहीं मिले हैं. वहीं ब्रिटेन के ZOE लक्षण अध्ययन ऐप के अनुसार, कुछ लोगों में भूख कम होने के लक्षण भी दिखाई दिए हैं.
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2. सामान्य सर्दी-जुकाम के लक्षणों को नजरअंदाज न करें
सिरदर्द, गले में खराश, नाक बहना, थकान महसूस होना और बार-बार छींक आना सामान्य सर्दी या फ्लू जैसा महसूस हो सकता है. हालांकि, ब्रिटेन के ZOE कोविड अध्ययन ऐप के प्रमुख प्रोफेसर टिम स्पेक्टर ने इन लक्षणों वाले प्रत्येक व्यक्ति को COVID-19 टेस्ट तुरंत करवाने की सलाह दी है. लंदन में जहां कोविड तेजी से बढ़ रहा है, वहां सर्दी होने की तुलना में कोविड होने की संभावना कहीं अधिक है. उन्होंने कहा, हम संख्या दोगुने होते देख रहे हैं. हर दो-ढाई दिन में तेजी से संख्या बढ़ती जा रही है. भारत में लोगों को भी अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए. हो सकता है कि सामान्य सर्दी के मामले सर्द हवाओं के कारण वृद्धि हुई हो, लेकिन साथ-साथ COVID-19 मामलों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि यदि इस दौरान आप सर्दी महसूस कर रहे हैं तो इसे हल्के में नहीं लें.
3. टेस्ट करवाने से पहले आपको कितने समय तक प्रतीक्षा करनी चाहिए?
यदि आप COVID-19 लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं या विशेष रूप से नए कोरोना वायरस वेरिएंट से जुड़े लक्षण महसूस कर रहे हैं तो आपको तुरंत अपना टेस्ट करवाना चाहिए. यदि कोरोना वायरस के लक्षण को नोटिस करते हैं तो यह 1-14 दिनों तक इसके लक्षण आप महसूस कर सकते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, यदि कोई कोविड संक्रमित होता है तो उसे अमूमन रिकवर होने में पांच से छह दिनों तक लग सकता है. हालांकि पूरी तरह ठीक होने में इसमें 14 दिन तक लग सकते हैं. हालांकि, COVID-19 से संक्रमित व्यक्ति 48 घंटे पहले लक्षणों का अनुभव करना शुरू कर देता है. कुछ लोगों में संक्रमण लक्षणहीन दिखाई देते हैं. इसलिए जरूरी है कि यदि आप कोई लक्षण महसूस कर रहे हैं तो सबसे पहले आपको टेस्ट करवाना जरूरी होता है. इसके अलावा, यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां COVID संक्रमित लोग रहते हैं आवश्यक सावधानी जरूर बरतें और किसी भी लक्षण को नजरअंदाज नहीं करें.
4. 10 दिन का आइसोलेशन पीरियड जरूरी
यदि आप COVID-19 के टेस्ट में पॉजिटिव टेस्ट पाए जाते हैं तो यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और रोकथाम एक पॉजिटिव टेस्ट के परिणाम के बाद 10 दिनों के लिए आइसोलेट करने की सलाह देते हैं. इस दौरान अपने लक्षणों की निगरानी जारी रखें. कहा जाता है कि COVID-19 के लक्षण समय-समय पर बदलते रहते हैं और जो गंभीर नहीं लग सकता है वह जटिलताएं पैदा कर सकता है. यदि आप सांस की तकलीफ, सांस लेने में कठिनाई, छाती में दर्द महसूस कर रहे हैं तो तुरंत ही डॉक्टरों से संपर्क करें.
5. COVID टेस्ट के प्रकार जिसे आप करवा सकते हैं
COVID-19 परीक्षण SARs-COV-2 वायरस का पता लगाने का एक उपयोगी तरीका है. चाहे लक्षण दिखेंगे या फिर लक्षणहीन होंगे. टेस्ट से ही पता चलता है कि आपको संक्रमण है या फिर नहीं है. COVID टेस्ट कई तरह के होते हैं जैसे रैपिड टेस्ट या एंटीजन टेस्ट, मॉलेकुलर टेस्टिंट या फिर एंटीबॉडी या ब्लड टेस्ट. रैपिड टेस्ट, जिसे एंटीजन टेस्ट के रूप में भी जाना जाता है वह वायरस का पता लगाने का एक त्वरित और सस्ता तरीका है. इसलिए, प्रभावित इलाकों में तेजी से टेस्ट के लिए इसका उपयोग किया जाता है. खासकर एयरपोर्ट पर इसी टेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है. यदि आप एक सटीक COVID-19 टेस्ट करवाना चाहते हैं मॉलेकुलर टेस्ट या आरएनए टेस्ट मददगार साबित हो सकता है. यह एक डायग्नोस्टिक टेस्ट है जिसमें स्वास्थ्यकर्मी आपकी नाक और गले से बलगम एकत्र करेगा. एंटीबॉडी टेस्ट सक्रिय कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगा सकते हैं और आपको यह भी बता सकते हैं कि क्या आपको पहले भी कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुके हैं.