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आरिफ मोहम्मद खान बोले-हिजाब विवाद मुस्लिम युवतियों को घरों की चारदीवारी में कैद करने की एक सचेत साजिश  

अगर हम उस तर्क को स्वीकार करते हैं, तो मुस्लिम लड़कियों को फिर से उनके घरों में धकेल दिया जाएगा क्योंकि अगर वे शिक्षा नहीं ले सकती हैं, तो उनकी शिक्षा में रुचि कम हो जाएगी.

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Pradeep Singh
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आरिफ मोहम्मद खान, केरल के राज्यपाल( Photo Credit : TWITTER HANDLE)

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कर्नाटक के उडुपी के एक स्कूल से शुरू हुआ हिजाब विवाद पूरे देश में फैलता जा रहा है. यह मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है. कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं. हालांकि अभी इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने  से इनकार कर दिया है. इस बीच केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने हिजाब पर कुरान के हवाले से कहा है कि हिजाब इस्लाम का हिस्सा नहीं है. कुरान में इस शब्द का 7 बार जिक्र किया गया है, लेकिन ड्रेस कोड के संदर्भ में नहीं. हिजाब को लेकर विवाद मुस्लिम महिलाओं की शिक्षा में बाधा डालने की साजिश का हिस्सा है.

आरिफ मोहम्मद खान ने ट्वीट किया कि, "मुझे दृढ़ता से लगता है कि यह कोई विवाद नहीं है, बल्कि मुस्लिम युवतियों को उनके घरों की चार दीवारों में धकेलने की एक जानबूझकर और सचेत साजिश है. लड़कियां लड़कों की तुलना में बहुत अच्छा कर रही हैं, लड़कों की तुलना में बहुत बेहतर. यह उन्हें हतोत्साहित करने का प्रयास है."


उन्होंने कहा कि, "भारत को यह मानने के लिए कहा जा रहा है कि हिजाब निजी मामला है. अगर हम उस तर्क को स्वीकार करते हैं, तो मुस्लिम लड़कियों को फिर से उनके घरों में धकेल दिया जाएगा क्योंकि अगर वे शिक्षा नहीं ले सकती हैं, तो उनकी शिक्षा में रुचि कम हो जाएगी." 


आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि, "अरब समाजों में ऐसे लोग थे जो जन्म के तुरंत बाद अपनी बच्चियों को दफना देते थे. इस्लाम ने इसे समाप्त कर दिया, लेकिन वह मानसिकता अभी भी कायम है. पहले उन्होंने तीन तलाक का आविष्कार किया, फिर हिजाब और फिर मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ित रखने के लिए अन्य प्रकार की चीजों का आविष्कार किया." 

आरिफ मोहम्मद खान अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं. इस्लाम के कट्टरपंथी विचारों का वे विरोध करते रहे हैं. तीन तलाक आदि के मुद्दों के वे विरोधी है. खान इस्लाम के उदारवादी पक्ष के पैरोकार हैं.

हिजाब विवाद पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, व्यक्ति यह चुनने के लिए स्वतंत्र हैं कि क्या पहनना है. आप उनकी पसंद को पसंद कर सकते हैं या नहीं, लेकिन यह हम सभी का अधिकार है. अगर ये जनप्रतिनिधि भगवा वस्त्र पहन सकते हैं, तो ये लड़कियां हिजाब का इस्तेमाल कर सकती हैं. मुसलमान दोयम दर्जे के नागरिक नहीं हैं.

hijab-controversy hijab-row Kerala Governor Arif Mohammad Khan boundary walls of houses
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