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सशस्त्र बल घरेलू रक्षा उद्योग को संभालने के लिए प्रतिबद्ध: CDS

प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत ने बृहस्पतिवार को कहा कि सशस्त्र बलों को स्वदेशी तकनीक और उपकरणों की मदद से लड़ने और युद्ध में जीत हासिल करने से अधिक संतुष्टि होगी.

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Yogendra Mishra
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चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ विपिन रावत।( Photo Credit : फाइल फोटो)

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प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने बृहस्पतिवार को कहा कि सशस्त्र बलों को स्वदेशी तकनीक और उपकरणों की मदद से लड़ने और युद्ध में जीत हासिल करने से अधिक संतुष्टि होगी. घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने पर आयोजित एक सेमिनार में जनरल रावत ने कहा कि भारत की सशस्त्र सेना रक्षा उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के वास्ते अगली पीढ़ी के सैन्य प्लेटफार्मों और उपकरणों को विकसित करने में घरेलू उद्योग पर पकड़ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.

जनरल रावत ने कहा, ‘‘ सशस्त्र बलों को स्वदेशी तकनीक और उपकरणों की मदद से लड़ने और युद्ध में जीत हासिल करने से अधिक संतुष्टि मिलेगी.’’ सेमिनार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना, नौसेना और भारतीय वायुसेना के प्रमुखों ने भाग लिया.

उन्होंने कहा, ‘‘भारत आज एक ऐसे दौर से गुजर रहा है, जिसमें कई चुनौतियों और खतरों से सामना हो रहा है. कोविड-19 के लिए हमारे सामूहिक प्रयासों ने ऐसी किसी भी अप्रत्याशित घटना से लड़ने की हमारी क्षमता को मजबूती से स्थापित किया है.’’ जनरल रावत ने कहा कि भारत कई सुरक्षा खतरों और चुनौतियों का सामना कर रहा है और देश के पास इन खतरों और चुनौतियों से निपटने की क्षमता है.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्वदेशी उपकरण और हथियार प्रणालियों की खरीद के लिए हमारी प्रतिबद्धता के आश्वासन को दोहराना चाहूंगा.’’ उन्होंने सरकार द्वारा घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न नीतिगत पहलों के बारे में भी विस्तार से बताया और कहा कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की ताकत का उपयोग नए उपकरणों और प्रौद्योगिकियों को लाने में किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘सशस्त्र बल उद्योग को संभालने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’’ भारत को रक्षा विनिर्माण का केंद्र बनाने के लिए सरकार ने पहले ही अपनी व्यापक रूपरेखा तैयार कर ली है और घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत पहल कर रही है. उन्होंने रक्षा उद्योग से विभिन्न प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास में निवेश करने का भी आग्रह किया.

उन्होंने कहा, ‘‘सशस्त्र बल ‘आत्मनिर्भर भारत’ का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम आपको उद्योग की क्षमता और सीमाओं को समझने के लिए उद्योग के साथ अधिक पारदर्शी और खुला दृष्टिकोण अपनाने का आश्वासन देते हैं.’’ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नौ अगस्त को घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने की एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए 101 हथियारों और सैन्य उपकरणों के आयात पर 2024 तक के लिए रोक लगाने की घोषणा की थी.

इनमें हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर, मालवाहक विमान, पारंपरिक पनडुब्बियां और क्रूज मिसाइल शामिल हैं. इससे संबंधित एक घटनाक्रम में डीआरडीओ ने सोमवार को घरेलू उद्योग के डिजाइन, विकास और निर्माण के लिए नेविगेशन राडार, टैंक ट्रांसपोर्टर्स जैसी 108 सैन्य प्रणालियों और उप-प्रणालियों की पहचान की थी. डीआरडीओ ने कहा कि वह आवश्यकता के आधार पर इन प्रणालियों के डिजाइन, विकास और परीक्षण के लिए उद्योगों को सहायता प्रदान करेगा.

Source : News Nation Bureau

indian-army CDS Indian Army Jawans Chief of Defence Staff
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