सीमा विवाद के बीच सेना प्रमुख नरवणे आज से नेपाल दौरे पर, PM ओली से करेंगे मुलाकात

भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद को लेकर आई कड़वाहट के बीच भारतीय सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे आज से तीन दिन के नेपाल दौरे पर रवाना होंगे.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
MM Naravane

सेना प्रमुख नरवणे आज से नेपाल दौरे पर, PM ओली से करेंगे मुलाकात( Photo Credit : फ़ाइल फोटो)

Advertisment

भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद को लेकर आई कड़वाहट के बीच भारतीय सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे आज से तीन दिन के नेपाल दौरे पर रवाना होंगे. नरवणे की 4 से 6 नवंबर तक नेपाल की तीन दिवसीय यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के बाद तनावपूर्ण हुए द्विपक्षीय संबंधों में पुन: सामंजस्य स्थापित करना है. सेना प्रमुख नरवणे का इस यात्रा के दौरान नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी और प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली से मुलाकात करने के अलावा कई अन्य असैन्य एवं सैन्य नेताओं के साथ बातचीत करने का कार्यक्रम है.

यह भी पढ़ें: PM मोदी कल वैश्विक निवेशक गोलमेज बैठक की करेंगे अध्यक्षता, उद्योगपति और व्यवसाय प्रमुख भी होंगे शामिल

अधिकारियों के मुताबिक, जनरल नरवणे की इस यात्रा के कार्यक्रम में नेपाली सेना के मुख्यालय का दौरा, नेपाली सेना के स्टाफ कॉलेज में युवा सैन्य अधिकारियों को संबोधन और उनके सम्मान में नेपाली सेना प्रमुख द्वारा दिए जाने वाले रात्रिभोज में शिरकत करना शामिल है. इस यात्रा में जनरल नरवणे को वर्षों पुरानी परंपरा के तहत गुरुवार को नेपाली राष्ट्रपति द्वारा 'नेपाली सेना के जनरल; का मानद पद प्रदान किया जाएगा. 1950 में इस परंपरा की शुरुआत हुई थी. भारत भी नेपाल के सेना प्रमुख को ‘भारतीय सेना के जनरल’ का मानद पद प्रदान करता है. जनरल नरवणे इस समारोह के बाद राष्ट्रपति महल में राष्ट्रपति भंडारी से मुलाकात करेंगे.

शुक्रवार को उनका प्रधानमंत्री ओली से भेंट करने का कार्यक्रम है. प्रधानमंत्री ओली से जनरल नरवणे की होने वाली मुलाकात को इस लिहाज से अहम माना जा रहा है कि इससे दोनों देशों के बीच मानचित्र विवाद को पीछे छोड़ते हुए संबंधों में नए सिरे से सामंजस्य स्थापित किया जा सकता है. इस पर अधिकारियों का कहना है कि जनरल नरवणे विभिन्न मुद्दों पर जनरल थापा से भी विस्तृत बातचीत करेंगे, जिनमें सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाना तथा दोनों देशों के बीच करीब 1,800 किलोमीटर लंबी सीमा के प्रबंधन को मजबूत करना शामिल है.

यह भी पढ़ें: आस्ट्रिया-फ्रांस में हमले के बाद ब्रिटेन में खतरे की बढ़ाई श्रेणी, गृह मंत्री ने कहा- चिंतित नहीं सतर्क रहें

दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा आठ मई को उत्तराखंड के धारचूला से लिपुलेख दर्रे को जोड़ने वाली 80 किलोमीटर लंबी रणनीतिक सड़क का उद्घाटन किए जाने के बाद नेपाल ने विरोध जताया था. नेपाल ने दावा किया था कि सड़क उसके क्षेत्र से होकर गुजरती है. कुछ दिनों बाद, उसने लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने क्षेत्र के तौर पर दिखाते हुए नया नक्शा जारी किया था. भारत ने भी नवंबर 2019 में एक नया नक्शा प्रकाशित किया था जिसमें इन क्षेत्रों को भारत के क्षेत्र के रूप में दिखाया गया था.

नेपाल द्वारा नक्शा जारी किए जाने के बाद भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, इसे 'एकतरफा कृत्य' बताया था और काठमांडू को आगाह करते हुए कहा था कि क्षेत्रीय दावों की ऐसी 'कृत्रिम वृद्धि' उसे स्वीकार्य नहीं होगी. जून में, नेपाल की संसद ने देश के नए राजनीतिक मानचित्र को मंजूरी दी थी. भारत ने कहा था कि नेपाल का यह कदम दोनों देशों के बीच बातचीत के माध्यम से सीमा मुद्दों को हल करने के लिए बनी सहमति का उल्लंघन करता है.

यह भी पढ़ें: वियना आतंकवादी हमला: PM मोदी बोले- भारत दुख की इस घड़ी में ऑस्ट्रिया के साथ खड़ा है

नेपाल ने मई में एक नया राजनीतिक मानचित्र जारी करते हुए उत्तराखंड के कई क्षेत्रों को अपना हिस्सा बताया था, जिसके बाद दोनों पड़ोसी देशों के रिश्तों में तनाव आ गया था. तब से दोनों देशों के बीच भारत की ओर से यह काठमांडू की पहली उच्चस्तरीय यात्रा होगी. 

India Nepal border नेपाल Army Chief MM Naravane सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे Nepal PM KP Sharma Oli
Advertisment
Advertisment
Advertisment