डोकलाम विवाद पर सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा है कि भारत और चीन के सैनिक वहां मौजूद हैं, लेकिन दोनों देशों की सेना आमने-सामने नहीं है।
रावत ने शुक्रवार को कहा, 'अगस्त में इस शर्त पर गतिरोध खत्म हुआ था कि दोनों देशों के सैनिक डोकलाम में आमने-सामने नहीं रहेंगे।'
कर्नाटक के बेलगावी में मराठा लाइट इन्फैंट्री की 23वीं और 24वीं बटालियन को सम्मानित करने के बाद उन्होंने कहा, 'पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) इस समय भी वहां मौजूद है। लेकिन, वे लोग हमसे एक निश्चित दूरी बनाए हुए हैं।'
आपको बता दें कि भारत और चीन की सेनाएं भूटान के डोकलाम क्षेत्र में दो महीने तक आमने-सामने रहीं थीं जिसपर बीजिंग और थिंपू दावा करते हैं। तीनों देशों की सीमाएं एक-दूसरे के साथ डोकलाम में मिलती हैं।
यह विवाद भारतीय सेना द्वारा जून में यहां चीनी सैनिकों को सड़क बनाने से रोकने के बाद पैदा हुआ था। विवाद के समय, चीन ने भारत पर भूटान पर 'नियंत्रण' स्थापित करने और इसकी घरेलू राजनीति में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में सेना द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों से भी इन्कार किया।
सेना प्रमुख ने कहा कि जब कभी इस तरह की शिकायतें मिली हैं, हमने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान और चीन से लगती सीमा पर बेहतर निगरानी के लिए अब आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा।
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सेना प्रमुख ने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जब कभी इस तरह की शिकायतें मिली हैं, हमने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की गई है।
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Source : News Nation Bureau