चीन से जारी तनातनी के बीच सेनाध्यक्ष मनोज मुकंद नरवणे लद्दाख दौरे पर पहुंचे हैं. सेनाध्यक्ष का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है. आर्मी चीफ यहां सेना की तैयारियों का जायजा लेंगे. 29-30 अगस्त की रात पैंगोंग में चीनी सेना के साथ भारतीय सैनिकों की एक बार फिर आमने-सामने आ गए. दरअसल चीन इस बात से बौखलाया हुआ है कि तीन दिन पहले पैंगोंग में जो हुआ उसमें चीनी सेना के कमांडर ने पीछे हटने का फैसला लिया और भारत ने कई अहम पोस्ट पर कब्जा कर लिया.
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एक तरफ चीन बातचीत के रास्ते सीमा विवाद को सुलझाना चाहता है तो वहीं दूसरी तरफ कई बार धोखे से घुसपैठ की कोशिश कर चुका है. इसे देखते हुए भारत ने भी अपनी रणनीति पूरी तरह बदल दी है. भारत सीमा विवाद को सुलझाने के लिए चीन के साथ बातचीत तो करेगा लेकिन चीन की हर चाल को माकूल जवाब देते के लिए सैन्य मोर्चे पर भी तैयारी कर रहा है. यह पहला मौका नहीं है जब सेनाध्यक्ष ने लद्दाख का दौरा किया. मई में चीन के साथ गलवान घाटी में हुए विवाद के बाद भी सेनाध्यक्ष मनोज मुकंद नरवणे ने लद्दाख का दौरा किया था. खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी लेह पहुंचे थे. उन्होंने फॉरवर्ड पोस्ट का दौरा करने के साथ ही घायल सैनिकों से भी मुलाकात की थी.
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मई में गलवान घाटी में भारत के हाथों मुंह की खाने के बाद से ही चीन बौखलाया हुआ है. भारत के साथ हुई झड़प में चीन के 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे. वहीं भारत के भी 20 सैनिक शहीद हुए थे. इसके बाद भारत ने चीन पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए. कई मंत्रालयों ने चीनी कंपनियों पर ठेके लेने के लिए प्रतिबंध लगा दिया तो 200 से अधिक चीनी ऐप को भी बैन कर दिया गया. चीन भारत की इसी कार्रवाई से बौखला गया है.
Source : News Nation Bureau