लद्दाख में भारत और चीन के बीच लाइन और एक्चुएल कंट्रोल पर पिछले 20 दिनों से विवाद जारी है. इस बीच आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे की भविष्यवाणी सही साबित होती नजर आ रही है. ये भविष्वाणी उन्होंने साल 2012 में की था. दरअसल साल 2012 में नरवाणे मध्य प्रदेश के महो में आर्मी वॉर कॉलेज में सीनियर फैकल्टी थे और उन्होंने यहां पर चीन के वॉर जोन कैंपेन को लेकर पेपर लिखा था. इस पेपर में उन्होंने चीन की रणनीतियों को लेकर भविष्यवाणी की थी.
उन्होंने लिखा था कि चीन अपनी मंशा पूरी करने के लिए छोटे विरोधियों के साथ जोर जबरदस्ती करेगा. चीन की यह मंशा तब सामने आ जाती है जब वह अपनी एलीट सेना के जरिए जमीन या फिर उच्च मूल्यों वाले लक्ष्यों को हासिल करने की कोशिश करता है.
अपने पेपर में नरवाणे ने लिखा था कि चीनी आर्मी दुश्मन को जवाब देने के लिए अपनी सीमा में मौजूदगी को बढाएगी. इसके बाद चीन रैपिड रिएक्शन यूनिट्स की तैनाती करेगा. आखिरी चरण में क्विक बैटल रेजोल्यूशन को पूरी तरह से समर्पित सेना घोषित कर दिया जाएगा.
बता दें, जनरल नरवाणे को चीन से जुड़े मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है. इससे पहले उन्होंने 2017 के डोकलाम विवाद पर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था, भारतीय सेना अब 1962 वाली सेना नहीं है. अगर चीन कहता है कि इतिहास मत भूलो तो हम उन्हें ऊी यही कहना चाहेंगे.
Source : News Nation Bureau