सेना प्रमुख बोले- भारत का रिश्ता चीन के साथ वैसा ही होगा, जैसा हम चाहेंगे

आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे (Manoj Mukund Naravane) ने बुधवार को कहा कि हमारी केवल दो नहीं बल्कि ढाई फ्रंट की लड़ाई की दीर्घकालिक रणनीति है.

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Deepak Pandey
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आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे (Manoj Mukund Naravane)( Photo Credit : फाइल फोटो)

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आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे (Manoj Mukund Naravane) ने बुधवार को कहा कि  भारत का रिश्ता चाइना के साथ वैसा ही होगा, जैसा हम चाहेंगे. भारतीय सेना के चीफ (Indian Army Chief) ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि सरकार (Indian Government) की ये पूर्ण रूप से सोच है कि चीन के साथ हमारे रिश्ता उसी तरीके से विकसित होगा, जैसी उसे विकसित करने की हमारी इच्छा होगी. उन्होंने आगे कहा कि एक सरकार और एक राष्ट्र के तौर पर हमने दिखा दिया है कि जो भी समाधान हुए हैं, उसमें हमारा राष्ट्रहित सर्वोपरि है.

इंडियन आर्मी के चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने आगे कहा कि हम एक पड़ोसी के तौर पर चाहेंगे कि सीमा पर शांति और स्थिरता रहे और कोई नहीं चाहता कि सीमा पर किसी तरह की अस्थिरता रही. पीटीआई के अनुसार, जनरल एमएम नरवणे ने पैंगोग त्सो में चीन के साथ तनाव खत्म होने के मामले पर कहा कि ये बहुत अच्छा परिणाम है और दोनों देशों के लिए जीत की स्थिति है.

भारत-चीन में कई संघर्ष बिंदुओं को लेकर समाधान खोजने पर बनी सहमति

भारत और चीन एक स्थिर और क्रमबद्ध तरीके से लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और देपसांग में अन्य संघर्ष बिंदुओं के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य संकल्प पर जोर देने के लिए सहमत हुए हैं. चीन-भारत कोर कमांडर स्तर की बैठक के दसवें दौर के बारे में एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि बैठक 20 फरवरी को चीन की तरफ मोल्दो/चुशुल सीमा आयोजित की गई थी. बयान के अनुसार, "दोनों पक्षों ने पैंगोंग झील क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति के सैनिकों को हटाने पर पूरी तरह से सकारात्मक रूप से स्वीकार किया. यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसने पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ अन्य शेष मुद्दों के समाधान के लिए एक अच्छा आधार प्रदान किया."

संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ अन्य मुद्दों पर दोनों देशों ने स्पष्ट और गहन विचार-विमर्श किया. कॉर्प्स कमांडर स्तर की बैठक शनिवार सुबह 10 बजे शुरू हुई और रविवार को 2 बजे समाप्त हुई. 16 घंटे की लंबी बातचीत के दौरान, भारतीय सैन्य प्रतिनिधि ने लेफ्टिनेंट जनरल पी.जी. के मेनन की अगुवाई में हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और 900 वर्ग किमी देपसांग के मैदानी इलाकों जैसे संघर्ष क्षेत्रों में सेना की तैनाती हटाने पर चर्चा हुई. एक अधिकारी ने कहा, "प्रारंभिक प्रयास गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स को हल करने के लिए किया जाएगा. देपसांग का समाधान खोजना मुश्किल हो सकता है और अधिक समय ले सकता है."

Source : News Nation Bureau

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