सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने न्यूज स्टेट के साथ खास बातचीत की. उन्होंने जम्मू-कश्मीर, सियाचीन, पाकिस्तान कई मुद्दों पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि वे जम्मू-कश्मीर और सियाचीन में दो बार दौरे किए. खासतौर पर पूंछ राजौरी का एरिया, जहां सबसे ज्यादा सीज फायर होता है. सीज फायर पिछले साल भी बढ़ा था, लेकिन 370 की समाप्ति के बाद काफी बढ़ा है. सरहद के उस पार काफी टेरर कैम्प है और घुसपैठ कर तबाही मचाना चाहते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे.
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उन्होंने कहा कि जहां तक ऑपेरशन का सवाल है, जो फील्ड कमांडर हैं उसपर हमारा पूरा भरोसा है. फील्ड कमांडर जो भी फैसला लेते हैं और प्लान करते हैं, वह उनकी जिम्मेदारी है. हम उनका पूरा समर्थन करते हैं. जो भी वह कार्रवाई करे. बैट एक्शन पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं कहेंगे कि बैट एक्शन बढ़े हैं. जब कभी उनको अपने टेररिस्ट को अंदर डालना होता है, तो वे सीज फायर violation करते हैं. कोशिश करते हैं कि हमारा ध्यान किसी और दिशा में ले जाएं ताकि घुसपैठ कामयाब हो.
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यह कार्रवाई पहले भी होती थी, अब भी होती है, लेकिन हमारी इंटेलिजेंस अच्छी है. हमारे जवान जो बॉर्डर पर हैं वे अलर्ट हैं और जो भी दुश्मन की कार्रवाई है उसे हम सफल नहीं होने देते हैं. चीन से संबंधित सवालों पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि कई सालों से LAC पर सुख शांति है. कुछ इलाके हैं जहां कभी-कभी तनाव हो जाता है, लेकिन वुहान और चेन्नई सम्मिट के बाद जो स्ट्रेटेजिक गाइडेंस मिला है. पॉलिटिकल लीडर की तरफ वह दोनों सेनाओं ने ग्राउंड लेवल की ओर फॉरवर्ड कमांड तक बताया है, पूरी कोशिश है कि तनाव कम हो और अगर रोज के कामकाज में कुछ हो जाता है यो लोवेस्ट लेवल पर सुलझाया जाए.
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साथ ही उन्होंने कहा कि मॉडर्निज़िंग और रिस्ट्रक्चरिंग की कार्रवाई जारी है. कोई भी ऑर्गेनाइजेशन स्टेटिक नहीं हो सकती. चेंज तो लाना होता है, हम ला रहे हैं. खासतौर पर आईबीजी की जो कार्रवाई है वह इसी दिशा में है कि आने वाली लड़ाई का हम सामना कर सके. आने वाले दिनों में नॉन कॉन्ट्रेक्टिंग वॉर फेयर पर हो सकता है कि नॉन कॉन्ट्रेक्टिंग वॉर फेयर ज्यादा हो. ये नहीं हो सकता कि सिर्फ नॉन कॉन्ट्रेक्टिंग हो. लिहाज सभी मोर्चा पर ध्यान देना है और पूरी तैयारी करनी है.