सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने शनिवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने की जरूरत पर रोशनी डाली है. वह दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित द चाणक्य डायलॉग्स में बोल रहे थे. सेना प्रमुख ने कहा, हमें आत्मनिर्भर होना होगा. हम अपने संचालन की आवश्यकता और विशिष्ट मांग को पूरा करने के लिए काम करेंगे. भारत जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र का देश है और यहां शानदार दिमाग वाले युवा हैं और उन्हें आगे आना चाहिए और व्यक्तिगत, छोटी रेंज के हथियार, लंबी दूरी के रॉकेट, बख्तरबंद वाहन और समुद्री हथियार बनाने के लिए अपने सुझाव और विचार देने चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि करीब सात-आठ साल पहले आत्मनिर्भर बनने की योजना शुरू की गई थी और उस समय स्रोत, नीति, प्राइवेट प्लेयर, बाजार और रणनीति की जरूरत थी. लेकिन आज, हमारे पास प्रत्येक चरण में सर्पिल विकास की अवधारणा है.
जनरल पांडे ने कहा, हम प्रमुख संस्थानों के संपर्क में हैं और करोड़ों रुपये की 20 परियोजनाएं विकास के अधीन हैं. आईआईटी दिल्ली में हमने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है और अन्य संस्थानों में जल्द ही इसी तरह की परियोजनाएं शुरू की जाएंगी. उन्होंने जोर देकर कहा, प्रौद्योगिकी विकास निधि डीआरडीओ के पास उपलब्ध है और सेना के साथ-साथ प्राइवेट प्लेयर भागीदार के रूप में काम करेंगे, न कि खरीदार या विक्रेता के रूप में.
सेना प्रमुख ने कहा कि वह हाल ही में शुरू की गई अग्निवीर योजना के जरिए सेना को सबसे आधुनिक बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
Source : IANS