जम्मू-कश्मीर के बड़गाम में आतंकियों ने सेना के एक जवान मोहम्मद यासीन को अगवा कर लिया. अपहृत जवान सेना की जकाली यूनिट का है. शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, जवान के घर से ही आतंकियों ने अपहरण की घटना को अंजाम दिया. इस मामले को लेकर श्रीनगर के आईजी ने कहा, पुलिस इस मामले को देख रही है और सुरक्षा बलों को मौके पर भेज दिया गया है.
बता दें कि बीते साल जून महीने में औरंगजेब जब ईद मनाने अपने घर आ रहे थे तो आतंकवादियों ने पुलवामा में अगवा कर उनकी हत्या कर दी. पुलिस को गोलियों से छलनी औरंगजेब का शव 14 जून को मिला. हनीफ ने कहा कि वह चाहते थे कि सेना उनके बेटे की हत्या का बदला ले. औरंगजेब की हत्या के बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और सेना प्रमुख बिपिन रावत पीड़ित परिवार के घर गए थे अपनी शोक-संवेदना प्रकट की थी. औरंगजेब की शहादत के लिए भारत सरकार ने उन्हें वीरता पुरस्कार शौर्य चक्र से सम्मानित किया.
रमजान में कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों द्वारा अपहरण कर हत्या किए गए सेना के जवान औरंगजेब को उनकी बहादुरी और बलिदान के लिए भारतीय सेना ने 'शौर्य चक्र' सम्मान देने का फैसला किया था. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 44 राष्ट्रीय के राइफलमैन औरंगजेब को मरणोपरांत 'शौर्य चक्र' से सम्मानित किया गया था. बता दें कि आतंकियों ने 14 जून को शोपियां जिले से सेना के राइफलमैन औरंगजेब खान को अगवा कर उसकी हत्या कर दी थी.
औरंगजेब की हत्या करने से पहले उनका एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें शहीद औरंगजेब निडरता के साथ स्वीकार कर रहे थे कि वो भारतीय सेना के जवान है और उन्होंने दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद-रोधी गतिविधियों में भाग लिया था.
औरंगजेब के हत्या के बाद जब सेना के अधिकारी परिजनों को ढांढस बंधाने गए थे तो पिता मोहम्मद हनीफ उस अधिकारी का हाथ पकड़ कर कहा था, 'मेरा बेटा देश का था और कश्मीर सिर्फ भारत का है. यहां पाकिस्तान का झंडा जो फहराएगा उसको गोली मार देनी चाहिए और इसके लिए वो खुद भी अपने बेटे की तरह जान देने का तैयार हैं. ऐसे आतंकियों का घाटी से पूरी तरफ से सफाया कर देना चाहिए' औरंगजेब के पिता मोहम्मद हनीफ सेना से रिटायर थे.
Source : News Nation Bureau