जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ सालों में सेना ने आतंक के फन को कुचलकर रख दिया है. सुरक्षाबलों का खौफ इस कदर है कि आतंकी घटना को अंजाम देने से पहले 10 बार सोचते हैं. घाटी में सुरक्षाबलों ने आतंक पर लगाम लगाने के लिए नया तरीका ढूंढ निकाला है. ॉआतंक पर पूर्ण विराम लगाने के लिए अब AI का इस्तेमाल किया जा रहा है.. इस नई तकनीक के जरिए सेना और सुरक्षाबलों ने आतंक को खात्मा कर दिया है. घाटी में नापाक मंसूबे लेकर आए आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया है, लेकिन अब आतंक पर फुल स्टॉप लगाने के लिए जम्मू कश्मीर में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लिया जा रहा है..
आतंकियों पर नजर रखेंगी 'अदृश्य आंखें'
घाटी में अब एंटी नेशनल तत्वों और आतंकियों पर निगरानी रखने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लिया जा रहा है.. जम्मू कश्मीर पुलिस ने जम्मू को श्रीनगर से जोड़ने वाली 8.5 किमी लंबी नवयुग टनल में फेशियल रिकॉग्निशन से लैस सीसीटीवी कैमरे इन्सटॉल किए हैं. ये कैमरे टनल से गुजरने वाले हर एक शख्स पर नजर रखेगी.. और डाटाबेस के जरिए किसी भी संदिग्ध शख्स को पकड़ा जाएगा.
जम्मू कश्मीर पुलिस आतंकियों का डेटा बेस तैयार कर रही है. इसके अलावा आतंकियों के समर्थकों का डेटा बेस भी तैयार किया जा रहा है. नशे के व्यापारियों और अन्य अपराधियों को भी डेटा बेस में एड किया जाएगा. इससे आतंकियों और उनको पनाह देने वालों की अब खैर नहीं रहेगी. आतंकियों को निपटाने के लिए सुरक्षाबलों ने साफ तौर से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंश के जरिए तबाह करने का काम किया है. डेटा बेस तैयार हो जाने के बाद कैमरा ऐसे किसी भी संदिग्ध के दिखने पर सुरक्षाबलों को अलर्ट कर देगा.
इससे पहले किश्तवाड़ जिले की एंट्री प्वाइंट ठाठरी में भी जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इसी प्रकार के सिस्टम का उपयोग किया है. इस नए पहल के अंतर्गत, जम्मू-कश्मीर के सभी संवेदनशील इलाकों और मुख्य पॉइंट्स पर ऐसे सिस्टम को इन्सटॉल करने की प्रक्रिया जारी है. इस सिस्टम को लागू होने के बाद आतंकी और उनके समर्थकों तक सुरक्षाबलों की पहुंच काफी आसान हो जाएगी. सुरक्षाबलों की ओर से सिस्टम शुरू करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है.
Source : News Nation Bureau