श्रीनगर के एक होटल में महिला को ले जाने से रोके जाने के बाद स्टाफ के साथ झगड़ा करने को लेकर सेना ने लीतुल गोगोई के खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिये हैं।
इससे पहले सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि मेजर गोगोई ने अगर गलत काम किया है तो उन्हें उचित सज़ा दी जाएगी।
इस घटना को लेकर सेना ने कड़ा रुख अख्तियार किया है और सेना प्रमुख के बयान के बाद इस घटना की जांच के आदेश दे दिये हैं।
कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की रिपोर्ट के आधार पर मेजर गोगोई के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मेजर गोगोई पर आरोप है कि उन्होंने एक महिला के साथ डल झील इलाके में होटल में गए थे और रोके जाने पर स्टाफ के साथ झगड़ा भी किया था।
शिकायत के बाद स्थानीय पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था और थोड़ी देर बाद छोड़ दिया था।
श्रीनगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के बीरवाह इलाके में उपचुनाव के दौरान बडगाम में पत्थरबाजों से बचने के लिए 53 राष्ट्रीय राइफल्स ने अपनी जीप के आगे फारूक अहमद डार नाम के शख्स को मानव ढाल के तौर पर बांध दिया था। यह घटना 9 अप्रैल, 2017 को हुई थी। इस घटना के बाद गोगोई सुर्खियों में आए थे।
इस घटना पर सेना प्रमुख ने बिपिन रावत ने कहा, 'भारतीय सेना में कोई भी (किसी भी रैंक का) अगर कुछ गलत करता है और यह हमारे संज्ञान में आता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अगर मेजर गोगोई ने कुछ गलत किया है तो मैं कह सकता हूं कि उन्हें उचित दंड दिया जाएगा और दंड भी ऐसा होगा जो एक उदाहरण स्थापित करेगा।'
और पढ़ें: जम्मू-कश्मीर: मेजर लितुल गोगोई को पुलिस ने किया गिरफ्तार, बाद में छोड़ा
Source : News Nation Bureau