राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार तड़के केरल और पश्चिम बंगाल से अलकायदा (Al Qaeda) के कई आतंकियों को गिरफ्तार किया. इन आतंकियों की अपने अन्य सहयोगियों के लिए भारत में निर्मित विस्फोटक के साथ ही अन्य हथियार डिलीवरी के लिए जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) की यात्रा करने की योजना थी. एनआईए अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि उन्हें पाकिस्तान (Pakistan) स्थित अपने हैंडलर से आदेश मिल रहे थे. एनआईए के हाथ शनिवार को एक बड़ी सफलता लगी है. एजेंसी ने एक अंतरराज्यीय आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है, जिसे पाकिस्तान से अल-कायदा द्वारा संचालित किया जाता था.
पटाखों से बनाते थे विस्फोटक
इस क्रम में की गई कार्रवाई में पश्चिम बंगाल और केरल से नौ व्यक्ति गिरफ्तार किए गए हैं, जो आईईडी की मदद से हमलों की साजिश रच रहे थे. इनके गिरोह में पटाखों से निकाले गए पोटेशियम से विस्फोटक बनाने का काम चलता था. हथियारों की डिलीवरी के लिए इनका कश्मीर जाने का भी प्लान था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सुबह-सुबह छापेमारी कर छह आतंकियों को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले से धर दबोचा है और बाकी के तीन की गिरफ्तारी केरल के एनार्कुलम जिले से हुई है. दहशत का माहौल पैदा करने के लिए इन नौ लोगों के दिमाग में दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई हिस्सों में स्थित प्रतिष्ठित प्रतिष्ठानों पर हमले की योजना थी.
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ये रहे गिरफ्तार आतंकी
इस जांच से जुड़े एनआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'छापा मारने के दौरान एजेंसी को बड़ी संख्या में पटाखें मिले. विस्फोटक बनाने के लिए ये इनमें से निकाले हुए पोटेशियम का इस्तेमाल करते थे.' गिरफ्तार किए गए आतंकियों की पहचान मुर्शीद हसन, याकूब बिस्वास और मोर्शरफ हुसैन के रूप में की गई है, ये तीनों ही एनार्कुलम के रहने वाले हैं. इनके अलावा गिरफ्तार हुए नजमुस साकिब, अबू सुफियान, मैनूल मंडल, लेउ इन अहमद, अल ममुन कमाल और अतितुर रहमान, ये मुर्शिदाबाद के रहने वाले हैं. केरल से जिनकी गिरफ्तारी की गई है, वे मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं.
अलग-अलग क्षेत्रों से संबंधित
ये आतंकी द्वितीय वर्ष के स्नातक छात्र से लेकर किसान, दर्जी, रसोईया, इलेक्ट्रीशियन, कंप्यूटर साइंस स्नातक तक के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित थे. केरल से गिरफ्तार किए गए आतंकी भी मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. अधिकारी ने यह भी कहा कि मुर्शिदाबाद में स्थित आतंकी सूफियान के घर से उन्हें आईईडी सहित स्विच, बैटरी इत्यादि भी मिले हैं. अधिकारी ने कहा कि इस आतंकी मॉड्यूल का प्रमुख हसन था. इससे पहले, एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा था कि इस समूह की योजना भारत के कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर आतंकी हमले करने और मासूमों की जान लेने की थी.
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जिहादी सामग्री बरामद
अल कायदा समूह के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के बाद एनआईए ने 11 सितंबर को एक मामला दर्ज किया था. छापे के दौरान डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज, जिहादी किताबें, धारदार हथियार, देश में बने आग्नेयास्त्र, स्थानीय स्तर पर बनाए गए शरीर कवच, घर पर विस्फोटक सामग्री बनाए जाने से संबंधित किताबें व आर्टिकल जैसी कई चीजें पाई गईं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है. गिरफ्तार किए गए इन आतंकियों को मुर्शिदाबाद और एनार्कुलम की अदालतों में पेश किया जाएगा और इस दौरान एजेंसी इनसे पूछताछ के लिए इन्हें हिरासत में लिए जाने की भी मांग करेगी.
ये काम करते रहे आतंकी
एनआईए अधिकारियों के अनुसार, हसन मजदूरी करता है, जबकि बिस्वास कपड़े की दुकान में सेल्समैन है. हुसैन एक रसोईया है और रहमान स्नातक की पढ़ाई कर रहा है और दूसरे वर्ष का कला (ऑर्ट्स) का छात्र है. सुफियान खेती-बाड़ी का काम करता है और इससे पहले वह एक दर्जी था. अहमद एक कॉलेज में इलेक्ट्रीशियन है, मंडल एक रसोईया है, साकिब कंप्यूटर साइंस में स्नातक कर रहा है और ममुन राजमिस्त्री का काम करने के साथ ही ड्राइवर भी है.