केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के दो शीर्ष अधिकारियों के बीच उपजे विवाद के बाद मची हलचल के कारण जांच एजेंसी अपने कर्मचारियों के अंदर 'सकारात्मकता' भरने की कोशिश कर रही है. इसके लिए सीबीआई आर्ट ऑफ लिविंग कार्यशाला का आयोजन करवा रही है जिसमें जांच एजेंसी के 150 से अधिक अधिकारी भाग लेंगे. यह कार्यशाला तीन दिनों के लिए शनिवार से आयोजित हो रही है.
सीबीआई के एक प्रेस रिलीज के मुताबिक, तालमेल, गुणवत्ता और सकारात्मक माहौल बनाने के लिए सीबीआई श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग के जरिये 3 दिनों (10, 11 और 12 नवंबर 2018) को कार्यशाला का आयोजन कर रही है.
प्रेस रिलीज के अनुसार, सीबीआई द्वारा इस कार्यशाला को आयोजित करने का उद्देश्य जांच एजेंसी के अंदर सकारात्मकता, तालमेल को बढ़ाना और स्वस्थ माहौल पैदा करना है और कर्मचारियों को प्रोत्साहित कर उनके पूरी कार्यक्षमता को वापस लाना है.
More than 150 CBI officials will attend Art of Living (Sri Sri Ravi Shankar) workshop for enhancing positivity in CBI. Workshop will start from tomorrow for three days. pic.twitter.com/mugAtVy21c
— ANI (@ANI) November 9, 2018
इस कार्यशाला का आयोजन सीबीआई मुख्यालय, नई दिल्ली में होने वाली है जिसमें इंस्पेक्टर रैंक से लेकर प्रभारी निदेशक तक 150 से अधिक अधिकारी भाग लेंगे.
देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई में आंतरिक कलह उस समय सार्वजनिक हो गई जब हैदराबाद के व्यवसायी सतीश बाबू सना के बयान के आधार पर सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.
और पढ़ें : सीबीआई इससे पहले भी रही विवादों में, सुप्रीम कोर्ट ने की थी कड़ी टिप्पणी
सीबीआई ने 15 अक्टूबर को साना से दो करोड़ रुपये रिश्वत लेने के आरोप में अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. आरोप है कि मीट कारोबारी मोईन कुरैशी के केस को रफ-दफा करने के लिए दो बिचौलियों मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद के जरिये दो करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
Source : News Nation Bureau