Congress Divided in two over Article 370: राज्यसभा (Rajya Sabha) ने सोमवार को अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को खत्मकर जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया है. बीजेपी जहां इस फैसले को 'ऐतिहासिक निर्णय' मानकर जश्न मना रही है, वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Indian Natioanl Congress) इस बात को लेकर कंफ्यूजन में है कि वह केंद्र सरकार के कदम का समर्थन करे या विरोध करे.
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने इसे भारत के संवैधानिक इतिहास का सबसे खराब दिन करार दिया और चेताया है कि इस मुद्दे पर सभी दलों को साथ आना चाहिए क्योंकि इसे अन्य राज्य पर भी आजमाया जा सकता है, वहां के राज्य सरकार को भंग करके राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है.
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राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 को हटाने के प्रस्ताव का विरोध किया है जो कि जम्मू-कश्मीर को स्पेशल स्टेटस प्रदान करता है. सोमवार को सदन में गृहमंत्री अमित शाह के बयान का जवाब देते हुए आजाद ने बीजेपी पर संविधान की हत्या करने का आरोप लगाया.
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देर शाम, कांग्रेस के कई नेता अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का समर्थन करते भी दिखाई दिए. कांग्रेस कार्यसमित के सदस्य दीपेंदर हुड्डा ने Article 370 को हटाए जाने का समर्थन किया है. उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा है कि उनकी व्यक्तिगत राय रही है कि 21वीं सदी में अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए. ऐसा सिर्फ देश की अखंडता के लिए ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, के हित में भी है. अब सरकार की यह जिम्मेदारी है कि इसका क्रियान्वयन शांति और विश्वास के वातावरण में हो.
मेरा पहले से ये विचार रहा है कि 21वी सदी मे अनुच्छेद 370 का औचित्य नही है और इसको हटना चाहिये।ऐसा देश की अखण्डता व जम्मू-कश्मीर की जनता जो हमारे देश का अभिन्न अंग है के हित मे भी है।
मगर पूर्णत: मौजूदा सरकार की ज़िम्मेदारी है की इस का क्रियान्वरण शांति व विश्वास के वातावरण मे हो pic.twitter.com/6A7i1l5KNn— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) August 5, 2019
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वहीं दूसरी ओर युवा कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने भी मोदी सरकार (Modi Government) का समर्थन किया है उन्होंने एक ट्वीट में कहा है कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि अनुच्छेद 370 को उदार बनाम रूढ़िवादी बहस में तब्दील कर दिया गया. पार्टियों को अपनी विचारधारा से अलग हटकर इस पर बहस करनी चाहिए कि भारत की संप्रभुता और संघवाद, जम्मू-कश्मीर में शांति, कश्मीरी युवाओं को नौकरी और कश्मीरी पंडितों के न्याय के लिए बेहतर क्या है.
Milind Deora, Mumbai Congress President: Unfortunate that #Article370 is being converted into liberal vs conservative debate.Parties should put aside ideological fixations&debate what’s best for India’s sovereignty,peace in J&K,jobs for Kashmiri youth&justice for Kashmiri Pandits pic.twitter.com/6BtZY6elou
— ANI (@ANI) August 5, 2019
बता दें कि सोमवार को मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 (Article 370) को खत्म कर दिया है. सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में एक ऐतिहासिक संकल्प पेश किया, जिसमें अनुच्छेद 370 (Article 370) को हटाने के साथ ही राज्य का विभाजन जम्मू कश्मीर (Jammu kashmir) एवं लद्दाख (Ladakh) के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया.
जम्मू कश्मीर (Jammu kashmir) केंद्र शासित क्षेत्र में अपनी विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित क्षेत्र होगा. राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर के विभाजन का यह बिल 125 बनाम 61 के मुकाबले पास हो गया है.
HIGHLIGHTS
- जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने पर विपक्ष है कंफ्यूजन में.
- कुछ कांग्रेस के नेताओं ने भी 370 हटाने का समर्थन.
- पिछले 24 घंटों से कोई भी बड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी है कांग्रेस ने.
Source : News Nation Bureau