डोगरा स्वाभिमान संगठन के प्रमुख चौधरी लाल सिंह को उनके सरकारी आवास पर नजरबंद कर दिया गया है. गांधीनगर स्थित उनके सरकारी आवास की तरफ जाने वाले मार्गों पर सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं, ताकि उनके समर्थक वहां तक नहीं पहुंच पाएं. दरअसल लाल सिंह ने बुधवार सुबह राज्य में उपजे हालात को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. लाल सिंह पहले जम्मू के नेता हैं, जिन्हें नजरबंद किया गया है.
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मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का दो भागों में विभाजन करने के फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर में माहौल शांतिपूर्ण है. इस बीच लाल सिंह ने कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं को फोन कर शाम पांच बजे शहर के एक होटल में बैठक के लिए बुलाया था. पुलिस और खुफिया बलों को इसकी भनक लग गई. इसके बाद सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस सिटी साउथ विनय शर्मा, एसडीपीओ गांधी नगर राम सिंह, एसएचओ गांधी नगर गुरनाम चौधरी पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों के साथ लाल सिंह के गांधी नगर स्थित सरकारी आवास में पहुंचे और उन्हें घर से न निकलने को कहा.
इस बात की सूचना मिलते ही वहां मीडियाकर्मियों का जमावड़ा लग गया. लाल सिंह ने मीडिया से बात करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों ने ऐसा करने नहीं दिया और न ही किसी को उनके आवास पर जाने दिया. बता दें कि लाल सिंह भारतीय जनता पार्टी और पीडीपी की सरकार में मंत्री रहे हैं.
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बहुचर्चित कठुआ हत्याकांड के बाद उपजे हालात के बाद लाल सिंह ने बीजेपी छोड़कर डोगरा स्वाभिमान संगठन नाम से नई पार्टी बना ली थी. लोकसभा चुनावों में लाल सिंह ने जम्मू संभाग की दोनों सीटें से चुनाव लड़ा था, लेकिन वे हार गए थे. बीजेपी में शामिल होने से पूर्व लाल सिंह कांग्रेस से दो बाद ऊधमपुर-डोडा संसदीय क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं.
HIGHLIGHTS
- बीजेपी-पीडीपी सरकार में मंत्री थी लाल सिंह चौधरी
- कठुआ कांड के बाद बीजेपी छोड़कर बनाई थी पार्टी
- कांग्रेस से भी सांसद रह चुके हैं लाल सिंह