जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीरियों और मुसलमानों को भड़काने की पाकिस्तान की साजिश पर पानी फिर गया है. दरअसल, भारत के मुसलमानों की संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने इस मुद्दें पर कहा है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. इसके आगे उन्होंने कहा, 'कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और सभी कश्मीरी हमारे हमवतन हैं. कोई भी अलगाववादी आंदोलन न केवल देश के लिए बल्कि कश्मीर के लोगों के लिए भी हानिकारक है.'
दिल्ली में हुई एक बैठक में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने एक प्रस्ताव पास किया. इसमें उन्होंने कहा, 'हमारा मानना है कि यह हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी है कि कश्मीरी लोगों के लोकतांत्रिक और मानवीय अधिकारों की रक्षा की जाए.'
जमीयत ने ये भी कहा, 'फिर भी यह हमारी दृढ़ धारणा है कि उनका (कश्मीरी लोगों का) भारत के साथ एकीकृत होकर ही कल्याण निहित है. दुश्मन ताकतें और पड़ोसी देश कश्मीर को बर्बाद करने में लग गया है.'
उन्होंने आगे बताया, 'आज हमने अपनी बैठक में प्रस्ताव पारित किया है कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है.देश की सुरक्षा और अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा. यह भारत हमारा देश है और हम इसके साथ है.'
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा, 'पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय पटल पर ऐसा संदेश देता है कि भारत का मुसलमान अपने देश के साथ नहीं है. हम पाकिस्तान की इस हरकत की निंदा करते है. '
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बता दें कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पाक पीएम ने इमरान खान ने असम में जारी हुए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस पर बयान देते हुए कहा था कि यह भारत की कश्मीर से 370 हटाने की नीति का ही एक हिस्सा है.
उन्होंने कहा था, 'भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की आ रही खबरों से मोदी सरकार द्वारा मुसलमानों की जातीय सफाई की नीति को लेकर दुनिया भर में इसे खतरे की घंटी समझा जाना चाहिए. कश्मीर का विलय मुस्लिमों को निशाना बनाने वाली इसी व्यापक नीति का हिस्सा है.'