नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर एक तरफ सत्तापक्ष इसके पक्ष में लॉबिंग कर रहा है और इसे उचित फैसला बताया है, वहीं विपक्ष इसे असंवेदनशील और अदूरदर्शी फैसला बता रहा है. सत्ता पक्ष की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कमान संभाली है तो विपक्ष की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह और आनंद शर्मा विरोध का बिगुल फूंक रहे हैं.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक ब्लॉग लिखकर बताया, नोटबंदी का लक्ष्य सिर्फ नोट बैन करना नहीं थी बल्कि इसे औपचारिक अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए सरकार ने यह फैसला किया था. अब टैक्स सिस्टम में बचना मुश्किल हो गया है.’ उन्होंने कहा कि नोटबंदी के विश्लेषण में एक सूचना है कि सभी पुराने नोट बैंकों में जमा हो गए हैं, लेकिन कैश जब्त करना नोटबंदी का उद्देश्य नहीं था. बल्कि इसे औपचारिक अर्थव्यवस्था में इसको प्राप्त करना और धारकों को कर चुकाना इसका व्यापक उद्देश्य था.’
Demonetisation is a key step in a chain of important decisions taken by govt to formalise the economy. Govt first targeted the black money outside India. Asset holders were asked to bring this money back on payment of penal tax: FM on two years of #Demonetisation (file pic) (1/2) pic.twitter.com/boYhcLPxRy
— ANI (@ANI) November 8, 2018
दूसरी ओर, मनमोहन सिंह ने कहा, ‘आज नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 2016 में किए गए दुर्भाग्यपूर्ण और बिना सोचे किए गए नोटबंदी का दो साल पूरा हो चुका है. भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज में जो अफरातफरी फैली थी वह अब साफ दिखाई दे रही है.’ मनमोहन सिंह ने कहा, ‘नोटबंदी के गंभीर परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं. स्मॉल और मीडियम बिजनेस को नोटबंदी के झटकों से उबरना अभी बाकी है. इसने सीधे-सीधे रोजगार को प्रभावित किया है. हमारी अर्थव्यवस्था नई नौकरियां पैदा करने में अब भी संघर्ष कर रही है.
Today marks the 2nd anniversary of the ill-fated&ill-thought demonetisation exercise that the Narendra Modi govt undertook in 2016. The havoc that it unleashed on Indian economy & society is now evident to everyone: Former PM Manmohan Singh (File pic) pic.twitter.com/yP1bO0XsqA
— ANI (@ANI) November 8, 2018
Notebandi impacted every single person,regardless of age,gender,religion,occupation or creed. It's often said that time is a great healer. But unfortunately,in case of demonetisation, the scars&wounds of demonetisation are only getting more visible with time: Former PM (File pic) pic.twitter.com/QXrVkNSO3e
— ANI (@ANI) November 8, 2018
वहीं आनंद शर्मा ने कहा, दो साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असंवेदनशील फैसला लिया था. इस फैसले के बाद देश में जो कुछ भी हुआ, उसके लिए प्रधानमंत्री का वह गलत फैसला जिम्मेदार माना जाएगा. नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर कांग्रेस ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू करने का ऐलान किया है. कांग्रेस ने इसे काला दिन मनाने का आह्वान किया है.
On this day two years ago, the PM had taken a wrong and insensitive decision. Whatever happened in the country after that, the onus of all of that falls directly on the Prime Minister: Anand Sharma, Congress on two years of #Demonetisation pic.twitter.com/WTDsCHGHyl
— ANI (@ANI) November 8, 2018
बता दें कि आज ही के दिन 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नोटबंदी की घोषणा की थी, जिसमें 500 और 1000 के नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था.