Sikh Riot Verdict : वित्‍त मंत्री अरुण जेटली का कमलनाथ पर हमला, शपथग्रहण पर उठाए सवाल

अरुण जेटली ने कमलनाथ के शपथग्रहण पर सवाल उठाते हुए कहा, कांग्रेस ने दोषियों को बचाने का काम किया.

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Sunil Mishra
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Sikh Riot Verdict : वित्‍त मंत्री अरुण जेटली का कमलनाथ पर हमला, शपथग्रहण पर उठाए सवाल

अरुण जेटली (File Photo)

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सिख दंगे में कांग्रेस नेता सज्‍जन कुमार को दोषी करार देने के बाद केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कमलनाथ पर हमला बोला है. अरुण जेटली ने कमलनाथ के शपथग्रहण पर सवाल उठाते हुए कहा, कांग्रेस ने दोषियों को बचाने का काम किया. फैसले से पीड़ितों को न्‍याय मिला है. उन्‍होंने आरोप लगाया कि सिख दंगे में कमलनाथ की भी भूमिका रही थी और कांग्रेस उन्‍हें मुख्‍यमंत्री बनाने जा रही है. सज्‍जन कुमार को दोषी ठहराने के फैसले का हम स्‍वागत करते हैं. हम सभी उस अब तक के सबसे वीभत्‍सतम नरसंहार के गवाह रहे हैं. सज्‍जन कुमार 1984 सिख विरोधी दंगे का चेहरा रहे हैं. कमलनाथ को लेकर उन्‍होंने कहा, यह विडंबना है कि यह फैसला उस दिन आया है, जब सिख समाज जिस नेता को दोषी मानता है, कांग्रेस उसे मुख्‍यमत्री पद की शपथ दिला रही है. 

यह भी पढ़ें : 1984 सिख दंगा मामला: दिल्ली HC ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई

इससे पहले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जीत मिलने पर कमलनाथ को मुख्‍यमंत्री पद के लिए आगे किया गया था. सोमवार को वे शपथ भी लेने जा रहे हैं. कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर अकाली दल और बीजेपी नेताओं ने जमकर विरोध किया. दिल्ली अकाली दल के एमएस सिरसा ने यह आरोप लगाया था कि 1984 में सिख दंगे भड़काने में सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर के साथ कमलनाथ का भी हाथ था. सिरसा ने कहा, गांधी परिवार सिख दंगों के आरोपियों को हमेशा बचाने का काम करती आ रही है. यदि कमलनाथ सीएम बनाए जाते हैं तो उनके खिलाफ धरना प्रदर्शन नहीं, बल्कि उन्हें उनकी ही भाषा में सबक सिखाया जाएगा.

बता दें कि 1984 सिख दंगा के दौरान दिल्ली कैंट इलाके में 5 सिखों की हत्या मामले में सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि वो 31 दिसम्बर 2018 तक पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दें. कोर्ट ने आदेश पढ़ते हुए कहा, '1947 की गर्मियों मे विभाजन के दौरान भयंकर नरसंहार हुआ था जिसमें बहुत सारे लोग मारे गए. उस घटना के ठीक 37 साल बाद दिल्ली एक बार फिर से ऐसे ही नरसंहार का गवाह बना. आरोपी ने इस मामले में राजनीतिक संरक्षण का फ़ायदा उठाया और जांच से बच गए.'

उधर, संबित पात्रा ने इस मामले में कहा, ये चोर-चोर चिल्लाते थे, आज मैं कहता हूं कि खूनी लोग चोर-चोर चिल्‍लाते हैं. यह सिर्फ सज्‍जन कुमार के लिए नहीं, बल्‍कि कांग्रेस के खिलाफ फैसला है. बीजेपी आज न्‍यायपालिका को धन्‍यवाद करती है. संबित पात्रा ने राहुल गांधी से कांग्रेस अध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफे की भी मांग की. 

Source : News Nation Bureau

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